जो जातीय जनगणना के खिलाफ, वो बराबरी के खिलाफ-लालू प्रसाद

Lalu’s Statement on caste census
Lalu’s Statement on caste census: बिहार में जातीय जनगणना के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी जोरों पर है। पहले भी इस मुद्दे पर तमाम नेताओं ने अपने बयान जारी किए थे। इसी क्रम में अब लालू प्रसाद यादव ने भी अपनी बात रखी है। उनका कहना है कि जो इस जनगणना के खिलाफ हैं वो असल में समानुपातिक प्रतिनिधित्व और बराबरी के खिलाफ हैं।
Lalu’s Statement on caste census: ‘ऐसे लोगों में नहीं होता रत्तीभर न्यायिक चरित्र’
पटना में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं, वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के ख़िलाफ हैं। ऐसे लोगों में रत्तीभर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है।
Lalu’s Statement on caste census: ‘सिरदर्द की दवा से नहीं होता कैंसर का इलाज’
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं। कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा।
तेजस्वी ने भी थपथपाई थी पीठ
तेजस्वी यादव ने भी जातीय जनगणना पर प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाई थी। उन्होंने कहा था कि आबादी की स्थिति जानने वाला पहला राज्य बिहार है। उन्होंने कहा था कि हमें खुशी है कि हमारे पास साइंटिफिक आंकड़ें हैं। अब पूरे देश में जातीय जनगणना की मांग हो रही है।
नीतीश ने बताया था एतिहासिक क्षण
दो अक्टूबर को जब जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए गए थे तो नीतीश कुमार ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया था। उन्होंने कहा था कि हम सब इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह हैं।
विपक्षी पार्टियों ने उठाए थे सवाल
भाजपा नेता और प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधऱी, सांसद सुशील कुमार सहित तमाम विपक्षियों नेताओं ने इस पर सवाल उठाए थे। बीजेपी का कहना था कि हम जनगणना का समर्थन करते हैं लेकिन यह सही तरीके से नहीं की गई है।
रिपोर्टः सुजीत कुमार, ब्यूरोचीफ, बिहार
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