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टीम इंडिया के WC फाइनल में मिली हार के बाद क्यों खड़े हो रहे केएल राहुल पर सवाल ?

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वर्ल्ड कप फाइनल के बाद केएल राहुल पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े किए जा रहे हैं। परिवार को भी ट्रोल किया जा रहा है। ऐसे में जरूरी है कि पूरे मामले पर नए सिरे से अपनी राय रखी जाए। आपको सबसे पहले अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम की विकेट के बारे में जानना चाहिए। भारतीय टीम मैनेजमेंट ने विकेट पर मैच की पिछली शाम पानी डालने से मना कर दिया था।

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ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के समाने टेके घुटने

बगैर पानी डाले विकेट की हेवी रोलिंग हुई। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि भारतीय स्पिनर्स कंडीशंस का फायदा उठा सकें। कंगारू कप्तान पैट कमिंस ने सारा खेल बिगाड़ दिया। उन्होंने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी का निर्णय ले लिया। जो विकेट भारत ने अपने गेंदबाजों के लिए तैयार करवाई थी, उसका फायदा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को मिला।

66 रन की पारी काफी धीमी

केएल राहुल की 107 गेंद पर 1 चौके की मदद से 66 रन की पारी काफी धीमी कही जाएगी। पर हकीकत यह भी है कि उस वक्त विकेट अलग बिहेव कर रहा था। तेज गेंदबाज भी धीमी बाउंसर मारकर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे।

केएल राहुल अपने खेलने का अंदाज बदलते

अगर विराट कोहली 54 रन बनानर पैट कमिंस के 29वें ओवर की तीसरी गेंद पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से बोल्ड नहीं होते, तो फिर यही मैच अलग रुख अपनाता। विराट कोहली एक छोर पर खड़े रहते, केएल राहुल अपने खेलने का अंदाज बदलते। राहुल जितनी देर विकेट पर टिक गए थे, उसके बाद वह आराम से बड़े शॉट खेल सकते थे।

विराट कोहली के आउट होने के बाद रवींद्र जडेजा बल्लेबाजी करने आए, पर जड्डू भी 22 गेंद पर 9 रन बनाकर लौट गए। अब केएल राहुल के सामने दुविधा यह थी, बड़े शॉट लगाएं या विकेट बचाएं। इसी उहापोह में राहुल मिचेल स्टार्क के 42वें ओवर की तीसरी गेंद पर विकेटकीपर को कैच दे बैठे।

हार का सारा ठीकरा केएल पर

अगर केएल राहुल पूरे 50 ओवर खेलते, तो उनका स्ट्राइक रेट भी बेहतर होता और भारत बड़े स्कोर तक भी पहुंच जाता। हालांकि इसी केएल राहुल ने वर्ल्ड कप में भारत की तरफ से सबसे तेज 62 गेंद पर शतक भी जड़ा था। ऐसे में हार का सारा ठीकरा केएल राहुल के सर फोड़ना सही नहीं लगता।

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