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पंजाब सरकार ने सड़कों का कराया AI सर्वे, मरम्मत में बचाए 383 करोड़ रूपए

Punjab Roads : पंजाब में सड़क मरम्मत को लेकर पारदर्शिता और लागत में कटौती की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है. राज्य सरकार ने 843 लिंक सड़कों के मूल्यांकन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI तकनीक का उपयोग किया, जिससे 383.53 करोड़ रुपये की बचत हुई. सर्वे के दौरान यह सामने आया कि कई ऐसी सड़कों के मरम्मत प्रस्ताव बनाए गए थे, जिन्हें वास्तव में मरम्मत की जरूरत नहीं थी.


कागजों पर सही सड़कें भी क्षतिग्रस्त

AI के दो चरणों में किए गए सर्वे से यह स्पष्ट हुआ कि मरम्मत योग्य सड़कों की संख्या पहले की तुलना में काफी कम है. सर्वे के बाद मरम्मत के लिए चिन्हित सड़कों की संख्या घटकर 2,526 रह गई और लंबाई 7,517 किलोमीटर तक सीमित हो गई. पहले इन आंकड़ों में कई ऐसी सड़कें शामिल थीं जो सामान्य स्थिति में थीं, लेकिन कागजों पर उन्हें क्षतिग्रस्त बताया गया था.

इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल वर्ष 2022-23 में किया गया था, जिसमें 60 करोड़ रुपये की बचत हुई थी. इस बार, जब 2025-26 के मरम्मत प्रोजेक्ट तैयार किए जा रहे थे, तो जिलों द्वारा भेजे गए अनुमानों की दोबारा जांच AI सर्वेक्षण से कराई गई. पंजाब मंडी बोर्ड की टीम ने 23 जिलों की लिंक सड़कों का तकनीकी निरीक्षण दो चरणों में पूरा किया.


सेंसर लगे वाहनों से की गई सड़कों की वीडियोग्राफी

पहले चरण के निरीक्षण में 121.39 करोड़ रुपये की बचत दर्ज की गई. इसके बाद, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां के निर्देश पर दूसरे चरण में वीडियोग्राफी और रिपोर्ट के साथ दोबारा विश्लेषण किया गया, जिसके बाद कुल बचत 383.53 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

AI तकनीक के तहत ड्रोन कैमरे और सेंसर लगे वाहनों की मदद से सड़कों की 360 डिग्री फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जाती है. फिर इन आंकड़ों का विश्लेषण कर यह निर्धारित किया जाता है कि किन हिस्सों में दरारें, गड्ढे या अन्य नुकसान हैं. हर जानकारी को GPS के जरिए लोकेशन के साथ दर्ज किया जाता है, जिससे यह प्रमाणित किया जा सके कि मरम्मत की आवश्यकता वास्तविक है या नहीं.

यह प्रक्रिया न केवल सरकार को बड़ी राशि की बचत करने में मदद करती है, बल्कि काम में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करती है. इसके अलावा मरम्मत का कार्य समय पर और सही जगह पर किए जाने में सहायक होता है, जिससे जनता को भी प्रत्यक्ष लाभ मिलता है.


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