
फटाफट पढ़ें
- पंजाब में पराली जलाने के कुल मामले 90 तक पहुंच गए
- अमृतसर में पराली जलाने के 51 मामले सबसे ज्यादा हैं
- 47 मामलों में सरकार ने 2.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
- 49 मामलों में FIR दर्ज और 32 रेड एंट्री की गई
- सैटेलाइट निगरानी के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी
Punjab News : पंजाब के खेतों में पराली जलाने का सिलसिला जारी है. रविवार को पराली जलाने के कुल मामलों की संख्या 90 तक पहुँच गई है. रविवार को आठ नए मामले सामने आए. अमृतसर में अब तक पराली जलाने के सबसे अधिक 51 मामले सामने आए हैं. वहीं सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अमृतसर के बाद तरनतारन में सबसे अधिक 11 मामले सामने आए हैं. इसके बाद पटियाला में दस, बरनाला में दो, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर और जालंधर में एक-एक, कपूरथला में तीन, मलेरकोटला में चार, होशियारपुर में दो, संगरूर में दो और एसएएस नगर में एक मामला सामने आया है.
कई किसानों पर जुर्माना और FIR
मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने पराली जलाने के 47 मामलों में 225,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. इस जुर्माने में से 175,000 रुपये वसूल किए जा चुके हैं. अधिकारियों के अनुसार, 49 मामलों में सीआरपीसी की धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. पंजाब में पराली जलाने के लिए 32 रेड एंट्री दर्ज की गई हैं. भू-अभिलेखों में रेड एंट्री होने पर किसान अपनी जमीन न तो बेच सकते हैं, न ही गिरवी रख सकते हैं और न ही ऋण ले सकते हैं.
सैटेलाइट के जरिए निगरानी रखी जा रही
अधिकारियों ने बताया कि 15 सितंबर से पंजाब में पराली जलाने के मामलों पर सैटेलाइट के जरिए निगरानी रखी जा रही है. इसके बावजूद, सरकारी सख्ती के बावजूद पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसके पंजाब के शहरों में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है. रविवार को बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI) 175 दर्ज किया गया, जो यलो जोन में आता है. डॉक्टरों के अनुसार, इतने उच्च AQI के लंबे समय तक संपर्क में रहने से खासकर सांस और दिल की बीमारियों से पीड़ित मरीजो को परेशानी हो सकती है.
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