लालजीत सिंह भुल्लर ने राज्य में परिवहन प्रशासन में और सुधार लाने पर दिया जोर

Meeting of Road and transport minister
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Meeting of Road and transport minister : पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने  बुधवार को सड़क दुर्घटनाओं को कम करके मौत दर घटाने के संबंध में एक बैठक आयोजित की. उन्होंने  परिवहन विभाग में सार्वजनिक सेवाओं को सरल बनाने और सरकारी सेवाओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए बेहतरीन प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक

चंडीगढ़ के पंजाब भवन में परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने  ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट की टेक्निकल एक्जीक्यूटिव ऑफिसर्स एसोसिएशन के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए भुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार परिवहन सुधार के अपने मौजूदा प्रयासों जैसे परिवहन प्रशासन के विभिन्न पहलुओं को बेहतर बनाने और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित सड़क परिवहन सुनिश्चित करने सहित अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और सार्वजनिक सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे से निपटने का प्रयास कर रही है। बैठक के दौरान पंजाब में लाइसेंस, पंजीकरण, फिटनेस प्रमाणन, इन्फोर्समेंट, कराधान और सड़क सुरक्षा उपायों में सुधार लाने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।

भुल्लर ने बताया कि मान सरकार ने सड़क यातायात में सुधार की दिशा में 144 हाई-टेक वाहनों और 5000 समर्पित जवानों के साथ लैस सड़क सुरक्षा फोर्स की स्थापना की है। इसके अलावा सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने के लिए ‘फरिश्ते’ योजना शुरू की गई है।

भुल्लर ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण से संबंधित 55 स्मार्ट सेवाओं की शुरुआत की गई है, जिनमें से 38 सेवाओं के लिए आवेदकों को संबंधित कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है, जबकि शेष 17 सेवाओं के लिए आवेदकों को कम से कम एक बार कार्यालय जाना होता है।

उन्होंने बताया कि वाहनों की फिटनेस जांच मोटर वाहन निरीक्षकों द्वारा मोबाइल टैबलेट आधारित तकनीक का उपयोग करके की जा रही है। इसी प्रकार राज्य सरकार ने मैनुअल चालान के लिए एक ई-चालान प्रणाली भी शुरू की है और इसके लिए ट्रैफिक पुलिस को 1200 ई-चालान मशीनें प्रदान की गई हैं और चालान के भुगतान के लिए ई-भुगतान सुविधाएं लागू की गई हैं।

कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि विभाग ने सुरक्षित सड़कों और प्रदूषण मुक्त वातावरण को सुनिश्चित करने के लिए वाहन स्क्रैपिंग और इलेक्ट्रिक वाहन नीतियों को लागू किया है।

नवंबर में पंजाब में सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय स्तरीय कान्फ्रेंस आयोजित की जाएगी

परिवहन मंत्री भुल्लर ने बताया कि सड़क सुरक्षा मुद्दों के समाधान और देश भर के विशेषज्ञों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए इस साल नवंबर में पंजाब में सड़क सुरक्षा पर राष्ट्रीय स्तरीय कान्फ्रेंस आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कान्फ्रेंस बेहतर प्रथाओं को साझा करने, नवीनतम रणनीतियों पर चर्चा करने और पंजाब और अन्य राज्यों में सड़क सुरक्षा उपायों के विस्तार के लिए व्यापक पहुंच विकसित करने के लिए एक उपयुक्त मंच के रूप में काम करेगी।

सड़क सुरक्षा संबंधी लीड एजेंसी “पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद” के महानिदेशक आर. वेंकट रत्नम ने फेडरेशन के लोक कल्याण संबंधी प्रयासों की सराहना की. कहा कि पंजाब सरकार राज्य भर में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को और अधिक कम करने के लिए इस तकनीकी रूप से कुशल टीम के विशेषज्ञता का पूरा लाभ उठाएगी।

बैठक के दौरान फेडरेशन के अध्यक्ष अशफाक अहमद ने देश के अन्य राज्यों में लागू की गई सफल प्रथाओं के बारे में संक्षेप जानकारी दी। उन्होंने 25 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन विभागों की राज्य एसोसिएशनज़ का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रमुख संस्था के रूप में फेडरेशन की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फेडरेशन का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना और देश भर में बेहतर प्रथाओं को लागू करना है।

गौरतलब है कि यह फेडरेशन भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत कार्यशील राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद ऑफ इंडिया की एक मान्यता प्राप्त सदस्य है।

अहमद ने कहा कि फेडरेशन विभिन्न राज्यों में प्रभावी वाहन इन्फोर्समेंट प्रणालियों के माध्यम से राजस्व संग्रह और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण राजस्व संग्रह में काफी वृद्धि हो सकती है, जिसे आगे चलकर सड़क सुरक्षा कोष के लिए आवंटित किया जा सकता है और सभी प्रकार के वाहनों के लिए दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।

उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 213(4) के तहत कानूनी ढांचे, केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए तकनीकी योग्यता प्राप्त अधिकारियों की भर्ती की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

बैठक के दौरान अतिरिक्त एस.टी.सी. सुखविंदर कुमार, ऑल इंडिया फेडरेशन के महासचिव संपत कुमार और कोषाध्यक्ष सचिन भोडाले, पंजाब एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह गिल और पंजाब के महासचिव रणप्रीत सिंह भिउरा उपस्थित थे।

रिपोर्टः अमित कुमार, संवाददाता, चंडीगढ़

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