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अमेरिकी आयोग ने बाइडन प्रशासन से भारत को ‘विशेष चिंता वाले’ देश में डालने की सिफारिश की

Freedom of Religion
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विदेशों में अल्पसंख्यकों (Minorities) को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने को लेकर अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (American Religion Freedom Commission) ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता (Religious Independence) को लेकर चिंता ज़ाहिर की है.

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भारत द्वारा की गई कार्रवाई चिंताजनक

आयोग ने इसे लेकर अमेरिका के बाइडन प्रशासन से अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत भारत को ‘विशेष चिंता वाले’ देशों की सूची में डालने का फिर आग्रह किया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि विदेशों में इससे जुड़े कार्यकर्ताओं को लेकर हाल में भारत सरकार की ओर से की गई कार्रवाइयां चिंता पैदा करती हैं.

सिख एक्टिविस्ट की हत्या मामले में भारत सरकार की संलिप्तता होने का दिया हवाला

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ़) ने इसे लेकर विदेश में सिख एक्टिविस्ट के मामले में भारत सरकार की संलिप्तता का हवाला दिया. आयोग ने कहा, “विदेश में एक्टिविस्ट, पत्रकारों, वकीलो को चुप कराने के भारत सरकार के प्रयास धार्मिक स्वतंत्रतता के लिए गंभीर ख़तरा पैदा करते हैं.”

पहले भी की थी कोशिश, भारत ने दिया था करारा जवाब

भारत अमेरिकी आयोग के ऐसे दावे को पहले भी नकारता रहा है. 2020 में जब आयोग ने पहली बार इसी तरह की सिफारिश की थी तब भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे ‘पक्षपातपूर्ण’ और ‘संवेदनशील बयान’ बताते हुए ख़ारिज कर दिया था. हालांकि चीन से मुक़ाबला करने के प्रयासों के बीच भारत और अमेरिका के बीच यह एक संवेदनशील मुद्दा बनता दिख रहा है.

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