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प्रदेश महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज के नेतृत्व में हरिद्वार में आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान की जिला कार्यशाला ने जगाई स्वदेशी और स्वावलंबन की भावना

Atmanirbhar Bharat Sankalp Abhiyan : आज हरिद्वार में “आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान” की जिला कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ, जहाँ उत्साह और जोश का वातावरण पूरे शहर को छू गया। इस कार्यक्रम की बागडोर प्रदेश महामंत्री दीप्ति रावत भारद्वाज के हाथ में थी, जिन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, उद्यमियों और युवा स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए यह संदेश दिया कि अब भारत की राह “स्वदेशी से स्वावलंबन” की ओर अग्रसर होगी। हर चेहरा उम्मीद और जोश से दमक रहा था, और सभी ने मिलकर संकल्प लिया कि वे इस अभियान को हर घर तक पहुँचाने और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कटिबद्ध हैं


घर-घर स्वदेशी का संदेश

कार्यशाला में दीप्ति रावत भारद्वाज ने कहा कि “घर-घर स्वदेशी” केवल वस्त्र, वस्तु या उत्पाद का नहीं बल्कि आत्मसम्मान, आत्मगौरव और राष्ट्रनिर्माण की भावना को जगाने का संदेश है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह अभियान भारतवासियों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ाने का प्रयास है.

महामंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे स्वदेशी उद्योगों, हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दें और “लोकल से ग्लोबल” की दिशा में उदाहरण प्रस्तुत करें. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता अब केवल आर्थिक शब्द नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानसिक स्वतंत्रता का प्रतीक बन चुकी है.


स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र बढ़ाओ

कार्यक्रम में महिला समूहों, सामाजिक संगठनों और उद्यमिता प्रकोष्ठों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और संकल्प लिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर स्वदेशी का संदेश फैलाएँगे. उन्होंने प्रतिज्ञा की कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हर व्यक्ति सक्रिय भूमिका निभाएगा.


प्रमुख उपस्थित व्यक्ति

इस अवसर पर उपस्थित थे –


इस कार्यशाला ने हर नागरिक में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अपनाने की चेतना को और मजबूत किया. कार्यक्रम का उद्देश्य केवल उत्पादों को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि हर घर में आत्मगौरव और राष्ट्रनिर्माण की भावना को जगाना था.

आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अपनाने की नई प्रेरणा

इस जिला कार्यशाला ने यह साबित कर दिया कि आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक स्वतंत्रता नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में अपने देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना है। हरिद्वार में जुटे कार्यकर्ताओं, युवाओं और उद्यमियों ने मिलकर यह संदेश दिया कि स्वदेशी अपनाना अब सिर्फ़ विकल्प नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की दिशा में एक सक्रिय कदम है. “घर-घर स्वदेशी” का यह संकल्प न केवल उत्पादों तक सीमित है, बल्कि यह हर नागरिक के आत्मसम्मान, समाज और संस्कृति को सशक्त बनाने का प्रतीक बन चुका है. इस कार्यशाला ने युवाओं में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया है, और निश्चित रूप से यह पहल भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी.

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