Cyber ​​Crime: भारत में व्यापार कर रहे DNR के रवैये से दिल्ली HC नाराज, दिया सख्त निर्देश

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Cyber Crime: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 24 नवंबर को टिप्पणी करते हुए कहा कि डोमेन नाम रजिस्ट्रार(डीएनआर) को घोटालों को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और यदि ये डीएनआर भारत में व्यापार करना चाहते हैं, तो उन्हें भारतीय अदालतों द्वारा पारित आदेशों का पालन करना होगा। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की बेंच ने कहा कि यदि कोई डीएनआर न्यायालय के आदेशों का पालन करने में विफल रहता है, तो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को उस डीएनआर को भारत में काम करने से रोका जाएगा।

Cyber Crime: दिशा-निर्देश का करना होगा पालन

कोर्ट ने निर्णय में कहा, “भारत आने वाले सभी डोमेन नाम रजिस्ट्रार(डीएनआर) को अदालत के आदेशों का पालन करना होगा। हम लाखों लोगों को ठगने की इजाजत नहीं दे सकते।’ यदि आप भारत में व्यापार करना चाहते हैं, तो हम कुछ दिशानिर्देश बनाएंगे और आप उससे बंधे होंगे… आपको हमारे लिए इंटरनेट साफ़ करना होगा। डीएनआर को घोटालों को बढ़ावा देने का जरिया नहीं बनने दिया जा सकता” ।

आईटी एक्ट के तहत नहीं किया जा सकता वर्गीकृत

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन ने बताया कि कुछ डीएनआर वैकल्पिक डोमेन नाम भी पेश कर रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में धोखाधरी की हालात पैदा होती है। आगे न्यायालय ने कहा यदि डीएनआर ऐसा कर रहे हैं, तो उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत ‘मध्यस्थों’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है।

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