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Constitution Day: बेझिझक कोर्ट का दरवाजा खटखटाए, CJI ने अपने संबोधन में कहा

Constitution Day: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को संविधान दिवस के मौके पर बोलते हुए कहा कि लोगों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाने से डरना नहीं चाहिए। सीजेआई ने संबोधित करते हुए कहा कि अदालतों को एक निष्पक्ष तंत्र के रूप में देखते हैं इसलिए दरवाजा खटखटाते हैं, न कि अंतिम उपाय के रूप में। आगे उन्होंने कहा, “व्यक्तियों को अदालत में जाने से डरना नहीं चाहिए या इसे अंतिम उपाय के रूप में नहीं देखना चाहिए। हमें उम्मीद है कि इसे भरोसा करने के लिए एक निष्पक्ष तंत्र के रूप में देखा जाएगा। कभी-कभी, एक समाज के रूप में हम न्यायिक संस्थानों पर नाराज हो सकते हैं’’।

Constitution Day: सीजेआई ने कई मामलों पर डाला प्रकाश

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आने वाले विविध मामलों पर भी प्रकाश डाला। आगे उन्होंने कहा कि कोर्ट की अनूठी विशेषता यह है कि कोई भी नागरिक मुख्य न्यायाधीश को एक साधारण पत्र के माध्यम से संवैधानिक तंत्र को गति देने में भागीदारी निभा सकता है। उन्होंने तकनीक को लेकर कहा कि इस तरह का संचार पोस्टकार्ड युग से आधुनिक, सुविधाजनक ईमेल तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा, “आपका विश्वास हमारा श्रद्धा स्थान है और हम चाहते हैं कि आपको कभी कोर्ट आने से कभी डर न लगे।”

75वें संविधान दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे सीजेआई

बता दे कि सीजेआई आज सुप्रीम कोर्ट में 75वें संविधान दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। गणतंत्र दिवस के साथ-साथ एक अलग संविधान दिवस की आवश्यकता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि भारतीय राष्ट्र के सामाजिक जीवन में निहित एक प्रतीक है। उन्होंने कहा, “जब हम कहते हैं कि हम संविधान को अपनाने का सम्मान करते हैं, तो हम पहले इस बात का सम्मान करते हैं कि संविधान अस्तित्व में है और यह काम करता है।”

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