AAP नेता आतिशी ने कहा महिला आरक्षण विधेयक नहीं, मूर्ख बनाने वाला कानून ….

महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लेकर आम आदमी पार्टी ने मंगलवार (19 सितंबर) को खुलकर बीजेपी और सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि बीजेपी की सरकार को महिलाओं के कल्याण से कुछ लेना देना नहीं है। महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इस पर आलोचना की है, लेकिन वे नारी शक्ति वंदन अधिनियम का समर्थन करते हैं। केजरीवाल सरकार के मंत्री और AAP नेता आतिशी ने पार्टी के ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होंगे और इसका मतलब है कि बीजेपी को महिलाओं के कल्याण में दिलचस्पी नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि यह महिला आरक्षण विधेयक नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा बिल है जो महिलाओं को मूर्ख बनाने का प्रयास है। दरअसल, मंगलवार को सरकार की ओर से केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित नारी शक्ति वंदन विधेयक को लोकसभा में पेश किया है।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा
आतिशी ने मांग की कि इस विधेयक से परिसीमन करने, जनगणना के प्रावधानों को हटाने और 2024 के लोकसभा चुनाव में आरक्षण क्रियान्वित करने की मांग है। उन्होंने परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को क्यों शामिल किया गया है और इस पर सवाल उठाया। इससे यह साबित होता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा। आतिशी ने इसे समय-समय पर परिसीमन करने में कम से कम एक साल का समय लगता है और इसके बाद परिसीमन प्रक्रिया शुरू होती है। उन्होंने बताया कि एमसीडी में परिसीमन करने में 6 महीने लगते हैं, इसलिए पूरे देश में एक से दो साल लग सकते हैं।
AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी इस विधेयक को लेकर कई सवाल किए और कहा कि विधेयक के क्लॉज 5 के मुताबिक, परिसी मन और जनगणना के बाद ही इसका क्रियान्यवयन होगा।
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