Haryana

अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NAAC नोटिस, लाल किला ब्लास्ट से जुड़े मामले में जांच तेज

फटाफट पढ़ें:

  • अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर NAAC कार्रवाई
  • कारण बताओ नोटिस यूनिवर्सिटी को जारी
  • वेबसाइट पर झूठी ‘A ग्रेड’ मान्यता मिली
  • 7 दिन में जवाब न देने पर सख्त कदम
  • लाल किला ब्लास्ट में नाम आने पर जांच

Faridabad Terror Module : दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर कार्रवाई शुरू. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने यूनिवर्सिटी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट पर झूठी जानकारी देकर छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया. कार्रवाई के तहत यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है.

अल-फलाह यूनिवर्सिटी को NAAC नोटिस

असल में, NAAC के नोटिस में स्प्षट किया गया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी न तो परिषद से मान्यता प्राप्त है और न ही उसने मूल्यांकन के लिए Cycle-1 में भाग लिया. इसके बावजूद यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर यह दावा किया गया कि उसकी तीन संस्थाओं को ‘A ग्रेड’ मान्यता मिली है. NAAC ने इस दावे को भ्रामक और गलत बताते हुए इसे जनता को गुमराह करने वाला करार दिया है.

यूनिवर्सिटी ने पुरानी ‘A ग्रेड’ दिखाई

जांच में सामने आया है कि यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेज को साल 2013 और शिक्षा कॉलेज को साल 2011 में ‘A ग्रेड’ मिला था. लेकिन यह मान्यता केवल 5 साल के लिए वैध थी. दोनों संस्थानों की मान्यता 2018 तक ही मान्य थी. जबकि यूनिवर्सिटी ने इसे अब तक अपनी वेबसाइट पर सक्रिय दिखाया हुआ था. NAAC निदेशक प्रोफेसर गणेशन कन्नाबिरन ने इसे छात्रों और हितधारकों को गुमराह करने की गंभीर कोशिश बताया है.

NAAC ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी को चेतावनी दी

नोटिस में यह भी कहा गया है कि यदि यूनिवर्सिटी 7 दिनों के भीतर जवाब नहीं देती और फर्जी दावे वेबसाइट से नहीं हटाती तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. परिषद ने यह भी पूछा है कि क्यों न अल-फलाह यूनिवर्सिटी को भविष्य की मान्यता प्रक्रिया से प्रतिबंधित कर दिया जाए और उसके खिलाफ UGC, NMC, NCTE, AICTE और हरियाणा सरकार को अनुशासनात्मक कदम उठाने की सिफारिश की जाए.

लाल किला ब्लास्ट में फंसी अल-फलाह यूनिवर्सिटी

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट से जुड़े मामले में सामने आया है. मुख्य आरोपी डॉ उमर उन नबी वहीं का सहायक प्रोफेसर रहे हैं. अब फर्जी मान्यता के खुलासे के बाद यूनिवर्सिटी फिर सवालों के घेरे में है और जांच एजेंसियां इसके संचालन और प्रशासनिक प्रक्रिया की बारीकी से जांच कर रही हैं.

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