Chandigarh : पंजाब के जल संसाधन मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने शुक्रवार को विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एक विशेष कमेटी गठित की जाए, जो अन्य राज्यों का दौरा करके वहां की किफायती और अभिनव बाढ़ प्रबंधन तकनीकों का अध्ययन करे, ताकि उन तकनीकों को पंजाब की भौगोलिक और पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुरूप अपनाया जा सके।
‘समय पर पूरे हो कार्य’ – बरिंदर गोयल
सिंचाई भवन के कमेटी रूम में उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन मंत्री ने कहा कि इस प्रकार के तुलनात्मक अध्ययन से राज्य के बाढ़ प्रबंधन ढांचे को सुदृढ़ बनाने के लिए व्यावहारिक और लाभदायक तरीकों को अपनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि आगामी मानसून सत्र से पहले सभी बाढ़ सुरक्षा और डी-सिल्टिंग से संबंधित कार्य समय पर पूरे किए जाएं। बैठक के दौरान मंत्री ने पूरे राज्य में चल रहे और प्रस्तावित बाढ़ रोकथाम एवं जल प्रबंधन उपायों की भी समीक्षा की।
‘दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाई जाए’ – गोयल
बाउपुर आइलैंड क्षेत्र में बार-बार आने वाली बाढ़ और स्थानीय लोगों को पेश आने वाली कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को स्थायी राहत प्रदान करने के लिए उपयुक्त तकनीकी समाधान खोजने के निर्देश दिए। उन्होंने पानी भरे क्षेत्रों की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक परियोजनाओं की योजना बनाई जाए और उन्हें लागू किया जाए।
‘आगामी मानसून से पहले पूरा किए जाए सुरक्षा कार्य’
श्री गोयल ने ज़ोर देकर कहा कि सभी बाढ़ सुरक्षा कार्य पूरी तत्परता से किए जाएं और अगले मानसून के आगमन से पहले ही पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में चल रहे कार्यों की नज़दीकी निगरानी करें और टेंडर प्रक्रियाओं को समय पर पूरा करवाएं।
डी-सिल्टिंग कार्यक्रम पर मंत्री गोयल का चर्चा
डी-सिल्टिंग कार्यक्रम पर चर्चा करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नदियों और नालों में पानी के प्राकृतिक बहाव को बनाए रखने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य शीघ्र प्रारंभ किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि नदियों के प्रवाह मार्ग में उगे पौधों और अन्य बाधाओं को बिना देरी हटाया जाए। अवैध कब्ज़ों के संबंध में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि ऐसे कब्ज़ाधारकों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
बैठक के दौरान हाल ही में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त तटबंधों की मरम्मत कार्यों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। जल संसाधन मंत्री ने इन कार्यों को गति देने और प्रभावी ढंग से पूर्ण करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों और ज़िला प्रशासन के समर्पित प्रयासों की सराहना की।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री कृष्ण कुमार, मुख्य अभियंता (ड्रेनेज) श्री हरदीप सिंह मेंदीरत्ता, मुख्य अभियंता (डिज़ाइन) श्री विजय कुमार गर्ग तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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