सशस्त्र बलों में परंपराओं और नवाचार के बीच होना चाहिए संतुलन : राजनाथ सिंह

Hyderabad : केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नवाचार को अपनाते हुए सशस्त्र बलों की परंपराओं को कायम रखने की जरुरत पर जोर दिया। सिंह ने कहा कि दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए। रक्षा मंत्री सिंह ने हैदराबाद के निकट डुंडीगल में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम केवल पारंपरिक मूल्यों का पालन करेंगे तो हम एक स्थिर झील की तरह रहेंगे।
सशस्त्र बलों में परंपराएं महत्वपूर्ण हैं
हमें बहती नदी के प्रवाह की तरह बनना होगा। इसके लिए हमें पारंपरिक मूल्यों के साथ-साथ नव परिवर्तन को भी अपनाना होगा। सिंह ने कहा उड़ते रहो और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूओ। लेकिन, जमीन से आपका जुड़ाव बना रहे। सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों में परंपराएं महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि, वे समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। इन्होंने लंबे समय तक महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति की है।
परंपराओं को उचित महत्व देना जरूरी
इसलिए, परंपराओं को उचित महत्व देना जरूरी है। अगर हम बिना सोचे-समझे परंपराओं का पालन करेंगे, तो हमारी व्यवस्था में स्वाभाविक रूप से ठहराव आ जाएगा। उन्होंने दुनिया में बदलती परिस्थितियों में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। सिंह ने नवनियुक्त फ्लाइंग आफिसर से हमेशा अपनी नई सोच और विचारधारा बनाए रखने का भी आह्वान किया।
एयर चीफ मार्शल ने किया रक्षा मंत्री का स्वागत
इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षा मंत्री का स्वागत किया। 25 महिलाओं सहित कुल 213 फ्लाइट कैडेटों को उनके प्रशिक्षण के पूरा होने पर भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं में नियुक्त किया गया। भारतीय नौसेना के आठ, भारतीय तट रक्षक के नौ और मित्र देशों के दो अधिकारियों को भी उनके उड़ान प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद विंग्स से सम्मानित किया गया।
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