कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनते हैं Ultra-Processed Foods, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

नमक, चीनी, वसा, कृत्रिम रंगों और कृत्रिम मिठास के प्रयोग से फैटी लिवर और आंतों से जुड़ी समस्याएं बहुत सामान्य होती जा रही हैं यानी अल्ट्रा प्रोसेस्ड भोजन तमाम बीमारियों की जड़ बनने लगा है। देश में अभी तक सारा ध्यान कुपोषण की समस्या पर रहा है। किसी ने अति-पोषण से होने वाली समस्याओं पर ध्यान ही नहीं दिया। आज एक ओर जहां कुपोषण हैं, वहीं दूसरी ओर अत्यधिक जंक फूड के सेवन से होने वाली बीमारियों की चुनौती अपने पांव तेजी से पसार रही है।
पोषक तत्वों की कमी से बढ़ रहा जोखिम
खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। हम जो भी भोजन कर रहे हैं, उससे स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव हो रहा है, इसे लेकर सतर्क होना होगा। क्या भोजन से हमें खनिज, विटामिन जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल रहे हैं, जिनकी शरीर को जरूरत होती है या हम भोजन से केवल अनियंत्रित कैलोरी ही ले रहे हैं। चॉकलेट, शुगर कन्फेक्शनरी, सॉल्टी स्नैक्स की आदत बीमारियों को दावत दे रही है।
साबुत अनाज का हो सेवन
जब हम पोषणयुक्त भोजन की बात करते हैं, तो होल फूड यानी साबुत अनाज पर निर्भरता बढ़ानी होगी। यह पूरी तरह अपने प्राकृतिक रूप में मौजूद होता है। उसमें कुछ मिलाया या कम नहीं किया जाता है। विटामिन और मिनरल जैसे पोषक तत्वों के संरक्षित रहने से यह शरीर और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। लेकिन जब उसमें नमक, तेल या चीनी मिला दी जाती है, तो स्वाद तो बढ़ता है, लेकिन, उसका गुण खत्म हो जाता है।
अति-प्रसंस्कृत आहार के सेवन में सावधानी
अति-प्रसंस्कृत यानी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड में शुगर, फैट, सॉल्ट, रंग, प्रिजरवेटिव, हाइड्रोजेनेट फैट, फ्लेवर्स और कई तरह के केमिकल मिलाए जा रहे हैं। कहीं लाने ले जाने और लंबे समय तक सुरक्षित रखने में आसानी होने के कारण इसका प्रयोग बढ़ रहा है। लेकिन ध्यान रखना होगा, इसका अत्यधिक प्रयोग कई तरह की समस्याओं की जड़ बन सकता है। इसी तरह कार्बोनेटेड ड्रिंक्स को लेकर भी सावधानी बरतने की जरूरत है। सेहत के लिए लाभकारी समझकर जिस पैकेटबंद जूस को पीते हैं, उसमें भी चीनी की अधिकता होती है।
बीमारियों की आशंका
फाइबर-मुक्त और स्वाद से भरपूर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन की आदत से बचने की जरूरत है। शरीर में अधिक कैलोरी जाने से फैट बढ़ता है। इससे मोटापे के साथ डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रॉल, कार्डियोवस्कुलर जैसी बीमारियां भी आती हैं। मोटापे के साथ कैंसर का भी जोखिम होता है। इससे ब्रेस्ट कैंसर, यूट्रस, लिवर, गॉल ब्लेडर (पित्त की थैली) के कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। आजकल नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की बीमारी भी बढ़ रही है। मोटापे से एंग्जाइटी, डिप्रेशन जैसे दिक्कतें भी हो सकती हैं।
इन उपायों को अपनाना है आवश्यक
- यदि किसी को अधिक चीनी की आदत है, तो इसे धीरे-धीरे कम करें।
- बार-बार चाकलेट या बिस्किट खाते हैं, तो उसकी जगह घर के बने नाश्ते या भोजन की आदत डालें।
- किसी भी तरह का डिब्बाबंद भोजन या स्नैक्स लेते समय उसके लेबल को जरूर पढ़ें। इससे उसमें नमक, शुगर और फैट के स्तर की सही जानकारी मिलती है।
- आजकल मिलेट्स को लेकर पहल हो रही है, ये हमारे पारंपरिक भोजन रहे हैं, जो सेहतपूर्ण और गुणकारी हैं। यदि हम घर में खाना बनवा रहे हैं, तो ध्यान रहे कि वह स्वच्छ और पोषणयुक्त हो। कार्यस्थल पर भी टिफिन लेकर जाएं।
- बाहर का खाना बंद कर दें, तो कई सारी समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं।
- स्वास्थ्य के लिए हमें स्वयं के स्तर पर जागरूक होना होगा।
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