
भारतीय तीरंदाराज़ पार्थ सालुंखे ने यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में बड़ा कारनामा किया। उन्होंने रिकर्व कैटेगरी में पहली बार गोल्ड मेडल जीतने वाले भारतीय तीरंदाराज़ बनकर इतिहास रच दिया है।
पार्थ ने चैंपियनशिप के अंडर-21 पुरुष रिकर्व सिंगल फाइनल मुकाबले में कोरिया के तीरंदाज को 7-3 से हराकर यह गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
महाराष्ट्र के सतारा के रहने वाले पार्थ का यहाँ तक का सफ़र उतार चढ़ाव से भरा रहा है। साल 2012 में उनके कोच ने अचानक उनका साथ छोड़ दिया था, जिसके बाद एक साल तक पार्थ के पास कोई कोच नहीं था।
इसके बाद उनके पिता सुशांत ने यह ज़िम्मेदारी उठाई और 2014 से 2017 तक बेटे को खुद ट्रेनिंग दी। उनके पिता सुशांत एक किक बॉक्सर रहे हैं और नेशनल लेवल तक मेडल जीत चुके हैं।
उन्होंने यूट्यूब की मदद से आर्चरी के गुण सीखे और अपने बेटे को ट्रेनिंग दी। पिता और बेटे की मेहनत का ही नतीजा था कि 17 साल की उम्र में पार्थ राष्ट्रीय तीरंदाजी चैंपियन बनें। आज वह युवा विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाले छठे भारतीय तीरंदाज हैं।