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IPL 2023: यशस्वी ने IPL के इतिहास में सबसे तेज  अर्धशतक पूरा करने वाले खिलाड़ी बनें

आईपीएल 2023 का रोमांच  दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, हर मैच में एक नया रिकार्ड बन रहा है, आईपीएल  2023 में अब तक अपने खेल से सबसे ज्यादा प्रभावित किया है वह  यशस्वी है।  महज  21 वर्षीय यशस्वी जयसवाल ने ताबड़तोड़ 98* रन बनाकर कोलकाता को आईपीएल  2023 खिताब से लगभग बाहर कर दिया।

 उनका बचपन आंसुओं और संघर्षों से भरा था। यशस्‍वी जयसवाल मूलरूप से उत्‍तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। वह आईपीएल के 12 मुकाबलों में 575 रन बना चुके हैं और ऑरेंज कैप कब्जाने से सिर्फ 2 रन दूर हैं। यशस्वी का परिवार काफी गरीब था। पिता छोटी सी दुकान चलाते थे। ऐसे में अपने सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ 10 साल की उम्र में यशस्वी मुंबई चले आए।

 मुंबई में यशस्वी के पास रहने की जगह नहीं थी। यहां उनके चाचा का घर तो था, लेकिन इतना बड़ा नहीं कि यशस्वी यहां रह पाते। परेशानी में घिरे यशस्वी को एक डेयरी पर काम के साथ रहने की जगह भी मिल गई। नन्हे यशस्वी के सपनों को मानो पंख लग गए। पर कुछ महीनों बाद ही उनका सामान उठाकर फेंक दिया गया।

यशस्वी का सफ़र संघर्षों से भरा रहा

यशस्वी ने इस बारे में खुद बताया कि मैं कल्बादेवी डेयरी में काम करता था। पूरा दिन क्रिकेट खेलने के बाद मैं थक जाता था और थोड़ी देर के लिए सो जाता था। एक दिन उन्होंने मुझे ये कहकर वहां से निकाल दिया कि मैं सिर्फ सोता हूं और काम में उनकी कोई मदद नहीं करता।

 नौकरी तो गई ही, रहने का ठिकाना भी छिन गया। यशस्वी इसके बाद कुछ दिनों तक भूखे-प्यासे सड़कों पर भटकते रहे। यशस्वी ने अपनी तकलीफों के बारे में कभी किसी को कुछ नहीं बताया वजह ये थी कि कहीं संघर्ष की कहानी भदोही तक न पहुंच जाए और उनका क्रिकेट करियर ही खत्म हो जाए। यशस्वी को डर था कि अगर परिवार उनके हालात के बारे में जानेगा, तो उन्हें वापस घर बुला लिया जाएगा।

आजाद मैदान पर यशस्वी ने गोलगप्पे भी बेचे

तमाम जद्दोजेहद के बाद भटकते हुए यशस्वी को रहने का ठिकाना मिल गया, और ये ठिकाना था टेंट। कई साल तक यशस्वी मुंबई के आजाद मैदान ग्राउंड के मुस्लिम यूनाइटेड क्लब टेंट में ही रहे। वह रात भर तमाम कर्मचारियों के लिए खाना बनाते थे और दिन में क्रिकेट का अभ्यास करते थे। पिता कई बार पैसे भेजते लेकिन वो काफी नहीं होते।

 यशस्वी के संघर्ष का आलम ये था कि रामलीला के समय आजाद मैदान पर यशस्वी ने गोलगप्पे भी बेचे। कई रातें तो ऐसी भी गुजरीं, जब यशस्वी को भूखा ही सोना पड़ा। यशस्वी बताते हैं कि रामलीला के समय उनकी अच्छी कमाई हो जाती थी। वह यही दुआ करता थे कि उनकी टीम के खिलाड़ी वहां न आएं, लेकिन कई खिलाड़ी वहां आ जाते थे।

ऐसे में गोलगप्पा बेचने के दौरान साथी खिलाड़ियों को मेला घूमते हुए देख कर यशस्वी को बहुत शर्म आती थी। कई खिलाड़ी जानबूझकर यशस्वी से गोलगप्पे खरीदते हुए उनका मजाक बनाते थे। यशस्वी प्रैक्टिस सेशन के दौरान हमेशा अपनी उम्र के लड़कों को देखते थे, जो घर से खाना लाते थे। यशस्वी को तो खाना खुद बनाना था। उन्हें बिठाकर खिलाने वाला कोई नहीं था। टेंट में वह रोटियां बनाते थे। कई बार रात में परिवार की बहुत याद आती थी, तो वह सारी रात रोते थे। यशस्वी के लिए संघर्ष बहुत कठिन था। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस रात की सुबह कब होगी। नाउम्मीदी यशस्वी की हर उम्मीद तोड़ने पर आमादा थी।

यशस्वी को सचिन ने अपने ऑटोग्राफ वाला बैट गिफ्ट दिया

आखिरकार यशस्वी के दिन भी बदले और उनकी मुलाकात यूपी के रहने वाले ज्‍वाला सिंह से हुई। ज्वाला सिंह ने यशस्वी को गाइड किया, जिसके बाद स्‍थानीय क्रिकेट में यशस्‍वी के बल्‍ले की धमक सुनाई पड़ने लगी। सफर आगे बढ़ा और अंडर-19 खेलते हुए ही यशस्वी अर्जुन तेंदुलकर के संपर्क में आए। अर्जुन ने यशस्‍वी के बारे में पिता सचिन तेंदुलकर को बताया। यशस्‍वी की मेहनत से सचिन काफी प्रभावित हुए और उन्‍होंने अपने ऑटोग्राफ वाला बैट उन्‍हें गिफ्ट में दिया।

ढाका में खेले गए अंडर-19 एशिया कप से यशस्वी चर्चा में आए थे। श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में उन्‍होंने 113 गेंद में 85 रन की पारी खेली थी। इस पारी के बूते भारत ने श्रीलंका को 144 रन से हराकर टूर्नामेंट जीता था। इस टूर्नामेंट में उन्‍होंने 318 रन बनाए थे।

यशस्वी जयसवाल का आईपीएल में डेब्यू

2020 में 18 साल की उम्र में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से यशस्वी जयसवाल को आईपीएल में डेब्यू करने का मौका मिला और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। KKR के खिलाफ 11 मई, 2023 को खेला जाने वाला मुकाबला राजस्थान के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण था। अगर उसे प्लेऑफ की दौड़ में कायम रहना था, तो रन रेट में सुधार करते हुए जीत दर्ज करनी जरूरी थी। KKR ने 150 रनों का लक्ष्य सामने रखा। बदले में यशस्वी के 47 गेंद पर 13 चौकों और 5 छक्कों से सजी 98* रनों की पारी की बदौलत राजस्थान ने 41 गेंद बाकी रहते ही लक्ष्य हासिल कर लिया।

संजू सैमसन ने यशस्वी के शतक पूरा करने की खातिर उन्हें स्ट्राइक सौंपी। जयसवाल छक्का लगाकर सेंचुरी पूरी करने की बजाय चौका जड़कर टीम को जीत दिलाने में ज्यादा खुश हुए। मैच के बाद यशस्वी ने कहा कि मेरे लिए शतक से ज्यादा टीम का रन रेट महत्वपूर्ण था। उम्मीद है कि इस युवा खिलाड़ी का संघर्ष रंग लाएगा। यशस्वी को ODI वर्ल्ड कप की टीम में जरूर चुना जाएगा।

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