Uttar Pradesh

विधायक और सांसद लेनी चाहिए दस हजार पशुओं की जिम्मेदारी – चौधरी सुनील सिंह अध्यक्ष राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन

Uttar Pradesh: लोकदल और राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश के प्रधान परेशान हैं। प्रधान बनने के बाद भी जनता के लिए काम नहीं कम पा रहे। उन्हें केवल मोहरा बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानों से कहा जा रहा है कि गायों को रखिए और 30 रुपये लीजिए। प्रधान सरकार का वर्कर नहीं है। जो पंचायतों या स्कूलों में खाना बनवाएगा।

उन्होंने कहा कि अगर पशुओं को रखना है तो विधायक जी क्यों नहीं रखते हैं? हर विधायक को 4 हजार पशु को रखना चाहिए और सांसद को 10 हजार पशु को रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक विधायक और सांसद से ज्यादा कठिन चुनाव प्रधानी का होता है।लेकिन उसे केवल सरकारी वर्कर बना कर रख दिया है। इसलिए गांव के हालात नहीं सुधर रहे हैं। चौधरी सुनील सिंह रविवार को मैरिस रोड पर स्थित अपने कार्यालय पर प्रधानों की मीटिंग का आयोजन किया था।

चौधरी सुनील सिंह ने कहा कि पंचायतों को अधिकार नहीं मिल रहा है। प्रधान चाहते हैं कि पंचायतों को अधिकार मिले। गांधी जी के ग्राम स्वराज का सपना लागू हो। फ्री शौचालय और राशन बांटने से देश का विकास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था बदलनई चाहिए। अगर सरकार पंचायतों को अधिकार नहीं देती है तो ब्लॉक स्तर पर तालाबंदी की जाएगी और प्रधान अपने पद से त्यागपत्र देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सत्ता का विकेंद्रीकरण करें। अधिकार पंचायतों को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि नाली, खड़ंजा, हैंडपंप लगाना विधायक या सांसद का काम नहीं है। पंचायतों का काम है और यह काम प्रधानों को करने दिया जाए।

वही किसान सम्मान निधि पर उन्होंने कहा कि यह किसानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि महंगाई के हिसाब से फसल की MSP बढ़ा दीजिए। हर साल सरकारी कर्मचारी का वेतन 10 परसेंट बढ़ता है। इसी तरह किसानों के फसल का दाम भी बढ़ा दीजिए तो किसान सक्षम हो जाएगा और उसे दो हज़ार देने की जरूरत नहीं है। किसान खुद अपनी जेब से सरकार को पैसा देगा. उन्होंने कहा कि लोगों को रोजगार और नौकरी की जरूरत है। गांव में कुटीर और लघु उद्योग डालने की जरूरत है। यह सब फ्री राशन और शौचालय और किसान सम्मान निधि के जरिए केवल वोट बैंक बनाया जा रहा है। जो समाज के लिए खतरनाक है । उन्होंने कहा कि गांव में युवाओं को काम करने लायक बनाइए। लोग रोजगार करें और अपने पैरों पर खड़ा हो।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर उन्होंने कहा कि 54 लाख करोड़ रुपए प्रदेश में आने की बात सरकार कह रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल कागजों पर MOU दिखाई दे रहे हैं। लेकिन यह धरातल पर कितने उतरेंगे। यह समय बताएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को चाहिए कि एक – एक इन्वेस्टर को टारगेट करें और धरातल पर योजनाओं को उतारे। केवल कागजी घोषणाएं न रह जाए।  अगर वास्तव में निवेश हो, तो छोटी-छोटी जगह पर भी लोगों को रोजगार मिलेगा और यूपी के लोग पलायन नहीं करेंगे।

वहीं उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अंग्रेजों ने जातीय जनगणना कराई थी। देश को बांटने के लिए जनगणना कराई थी।उन्होंने कहा कि जाति जनगणना समाज को बांटना है। यह केवल राजनीति करने के लिए लोग कह रहे हैं । ऐसे लोगों पर NSA के तहत और देशद्रोह के तहत कार्रवाई होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि समाज को बांटने के लिए राजनीति नहीं होनी है .जोड़ने के लिए होनी चाहिये। चौधरी चरण सिंह भी जातिय जनगणना के विरोधी थे। उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना समाज के लिए खतरनाक है । चौधरी चरण सिंह ने कभी जातीय सम्मेलनों ने भाग नहीं लिया था।

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