
Delhi Liquor Policy Scam : प्रवर्तन निदेशालय (ED) दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में देश भर में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर को छोड़कर 30 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
ईडी के एक अफसर ने कहा , “हम यूपी के लखनऊ, हरियाणा के गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद और अन्य स्थानों पर छापेमारी कर रहे हैं। आज सुबह से शुरू हुई तलाशी जारी है।”
ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बनाया है। सीबीआई की प्राथमिकी आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों का जालसाजी) के तहत दर्ज की गई है।
सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई। लाइसेंस धारकों को कथित तौर पर उनकी इच्छा के अनुसार विस्तार दिया गया था। आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नीतिगत नियम बनाए गए।
साथ ही आरोप लगाया है कि शराब कारोबारियों को 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई, जबकि लाइसेंस धारकों को उनकी मर्जी से सेवा विस्तार दिया गया।
इसमें यह भी कहा गया है कि सिसोदिया और कुछ शराब कारोबारी शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ को मामले में आरोपी लोक सेवकों को प्रबंधित करने और बदलने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है, “मनीष सिसोदिया, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, अरवा गोपी कृष्णा, तत्कालीन आयुक्त (आबकारी), आनंद तिवारी, तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी) और पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त (आबकारी) ने वर्ष 2021-22 के लिए सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ देने के इरादे से आबकारी नीति से संबंधित निर्णय लेने और सिफारिश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।