
छत्तीसगढ़: मंगलवार की रात आखिरकार बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम (Rahul Rescue Operation) को बचा लिया गया है। 104 घंटे बाद यह रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हुआ है। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा और 65 फीट में फंस गया था। बच्चे को निकालने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, बिजली विभाग सहित कुल 500 की टीम लगी हुई थी। बोर के समानांतर पहले गड्ढा खोदा गया, उसके बाद 20 फीट सुरंग बनाकर राहुल का रेस्क्यू किया गया। पत्थर की वजह से सुरंग बनाने में रेस्क्यू टीम को भारी मशक्कत करनी पड़ी।
मौत को मात देकर बोरवेल से निकला राहुल
बता दें कि बिलासपुर से छोटी ड्रील मशीन मंगाकर (Rahul Rescue Operation) टनल बनाया गया। राहुल को बोरवेल से निकालने के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बिलासपुर अपोलो अस्पताल भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन है, जो 105 घंटे से अधिक समय तक चला। बालक के बाहर निकलते ही उसे अपोलो अस्पताल बिलासपुर ले जाया गया। शुक्रवार 10 जून को मालखरौदा ब्लाक के ग्राम पिहरीद निवासी रामकुमार उर्फ लालाराम साहू का 10 वर्षीय बालक राहुल अचानक बाड़ी के बोर में दोपहर लगभग दो बजे गिर गया था।
104 घंटे तक चला ऑपरेशन हुआ सफल
जांजगीर कलेक्टर ने (Rahul Rescue Operation) बताया कि जैसे ही सुरंग को बोरवेल तक खोदा गया, वैसे ही राहुल के पास एक सांप और एक मेंढक बैठे नजर आए। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्विटर के माध्यम से इस बारे में बताया है। कलेक्टर ने बताया कि राहुल के साथ 105 घंटे तक सांप और मेंढक सुरक्षा कवच बनकर उसके साथ खड़े रहे। जानकारी के मुताबिक जब एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के आखिरी पड़ाव पर थी, उस वक्त सुरंग के अंदर राहुल के साथ एक सांप और एक मेंढक नजर आए थे। इन दोनों ने राहुल को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया।