Uttarakhand

Uttarakhand: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने फिर उठाया ACR  का मुद्दा

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने फिर अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने का मामला उठाया है। महाराज ने ट्वीट कर कहा है कि दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी मंत्रियों को विभागीय अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार मिलना चाहिए।

धामी सरकार में मंत्री अफसरशाही पर लगाम लगाने के लिए लगातार अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि, एसीआर लिखने का अधिकार देने की मांग उठा रहे हैं। खासकर वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल रखा है। कैबिनेट बैठक में ये मुद्दा उठाने के बाद महाराज अब इस मामले पर मुखर हो गए हैं। सतपाल महाराज ने ट्वीट कर मंत्रियों को अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार देने की मांग फिर से उठाई है। महाराज ने अपने ट्वीट में लिखा है दूसरे राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी मंत्रियों को विभागीय अधिकारियों की एसीआर लिखने का अधिकार मिलना चाहिए।

महाराज का कहना है कि ऐसा करने से विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी,  साथ ही विभागों की सही प्रकार से समीक्षा भी हो सकेगी। महाराज ने कहा है कि एसीआर पर मुख्य सचिव को उस पर अपना मंतव्य लिखने का अधिकार है तो मंत्रियों को भी ये अधिकार होना चाहिए। महराज ने कहा कि मंतव्य पर अंतिम फैसला सीएम ही लेते हैं और कोई उनके अधिकार को चुनौती नहीं दे रहा। लेकिन मंत्रियों को अपना मंतव्य देने का अधिकार मिलना चाहिए।

हालांकि महाराज का ये तर्क कि मंत्रियों को अफसरों की एसीआर लिखने का अधिकार देने से, विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी किसी के गले नहीं उतर रहा है। शासन में चल रही चर्चाओं के अनुसार अफसरों पर दबाव बनाने के लिए महाराज एसीआर लिखने की ताकत चाहते हैं। 18 अप्रैल को हुई कैबिनेट में इस मुद्दे को महाराज ने उठाया था।

जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट में लाने को कहा था। अब 3 मई को कैबिनेट बैठक होने जा रही है। कैबिनेट से पहले महाराज ने फिर से ये मुद्दा छेड़ दिया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि 3 मई की कैबिनेट में मंत्रियों के अफसरों की एसीआर लिखने के अधिकार से संबंध में कोई फैसला लिया जा सकता है।

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