Uttarakhand: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थापित होंगे 74 वेदर स्टेशन

प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 74 नए वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। जिनसे हिमस्खलन होने से पहले ही इसके संकेत मिल जाएंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इसकी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर इस काम का जिम्मा डीजीआरआई चंडीगढ़ सौंपा गया है।
प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन होने से पहले ही इसके संकेत मिल जाएंगे। इसके लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 74 वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इस काम का जिम्मा रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान, DGRI चंडीगढ़ को सौंपा गया है। इसका खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। जलवायु परिवर्तन के कारण पिछले कुछ सालों में उत्तराखंड में हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं।
ये बेहद खतरनाक पैटर्न है, जो पर्वतीय इलाकों में बड़ी चिंता की वजह बना हुआ है। पिछले साल अक्तूबर में उत्तरकाशी जिले में ऐसी ही एक भयावह हादसा हुआ था। जिसमें प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 27 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण, यूएसडीएमए को इस दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर यूएसडीएमए ने डीजीआरई चंडीगढ़ को हिमस्खलन वाले क्षेत्रों में वेदर स्टेशन लगाने का काम सौंपा है।
यूएसडीएमए के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मौसम संबंधी जो डाटा मिल रहा है, उसमें हिमस्खलन जैसी घटनाओं की सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। इसलिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन की संभावना को ध्यान में रखते हुए अलग से वेदर स्टेशन स्थापित करने का फैसला लिया गया है। जिनसे संभावित हिमस्खलन को लेकर सटीक आंकड़े मिल सकेंगे। सटीक आंकड़े मिलने से समय पर अलर्ट जारी किया जा सकेगा और जान मान के नुकसान को कम किया जा सकेगा।
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