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रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला: सनातन के अपमान पर युवक मे मारा थप्पड़

Swami Prasad Maurya Attacked : उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय और विभिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं. बुधवार को जब वह फतेहपुर जाते समय रायबरेली पहुंचे, तो उनके समर्थकों ने मिल एरिया थाना क्षेत्र के सारस चौराहे पर उनका जोरदार स्वागत किया. स्वागत करते समय ही एक युवक ने पहले उन्हें माला पहनाई और फिर अचानक उनके चेहरे पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इस हमले से मौके पर हड़कंप मच गया और लोग हैरान रह गए.


समर्थकों ने आरोपी को पकड़कर पीटा

हमले के तुरंत बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ मौजूद उनके कार्यकर्ताओं ने आरोपी युवक को धर दबोचा और गुस्से में उसकी जमकर पिटाई कर दी. बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और हमलावर को अपनी हिरासत में ले लिया. पुलिस फिलहाल घटना की जांच में जुटी है और आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि हमले के पीछे की पूरी साजिश या मंशा का पता लगाया जा सके. यह घटना दिनदहाड़े एक व्यस्त चौराहे पर हुई, जिससे स्थानीय लोगों और प्रशासन में भी खलबली मच गई.


करणी सेना से जुड़ा है आरोपी युवक

गिरफ्तार युवक की पहचान रोहित द्विवेदी के रूप में हुई है, जिसने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया है. पुलिस को दिए गए प्रारंभिक बयान में रोहित ने कहा कि वह स्वामी प्रसाद मौर्य की उन बयानों से नाराज़ था, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म, भगवान राम और ब्राह्मण समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. युवक ने यह भी दावा किया कि उसने यह हमला सोच-समझकर और संदेश देने के इरादे से किया है ताकि कोई और धर्म या समाज के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी करने का साहस न करे.


स्वामी प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया

घटना के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और सीधे तौर पर योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए. उन्होंने कहा, ये लोग करणी सेना के नाम पर खुद को देशभक्त बताते हैं लेकिन असल में कीड़े-मकोड़े हैं जो दिनदहाड़े चौराहों पर कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं. इस घटना से साफ पता चलता है कि योगी सरकार में गुंडों और माफियाओं के हौसले किस कदर बुलंद हो चुके हैं.


पहले भी हो चुके हैं स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमले

यह पहली बार नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमला हुआ हो. करीब दो वर्ष पहले लखनऊ में पिछड़ा वर्ग महासम्मेलन के दौरान भी एक युवक ने उन पर जूता फेंक दिया था. उस समय हमलावर वकील की ड्रेस में था और आयोजन स्थल पर सुरक्षा को चकमा देकर पहुंचा था. तब भी मौर्य के समर्थकों ने उस युवक की जमकर पिटाई की थी और उसे अधमरी हालत में पुलिस ने भीड़ से बचाया था. इन घटनाओं से यह साफ झलकता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाज़ी से कुछ वर्गों में गहरा असंतोष बना हुआ है.


वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर बहस तेज

रायबरेली में थप्पड़ कांड का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में युवक को पहले माला पहनाते और फिर मौर्य को थप्पड़ मारते साफ देखा जा सकता है. उसके बाद समर्थकों द्वारा युवक की पिटाई और पुलिस की गिरफ्तारी भी वीडियो में नजर आती है. सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर भारी बहस छिड़ गई है, जहां एक ओर कुछ लोग युवक के कृत्य की आलोचना कर रहे हैं, वहीं कुछ वर्गों द्वारा स्वामी प्रसाद मौर्य की बयानबाज़ी की आलोचना को भी समर्थन मिल रहा है.


हिंसा का रूप ले रही राजनीतिक असहमति

राजनीतिक असहमति और वैचारिक मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा हैं, लेकिन जब ये हिंसा का रूप लेने लगें, तो यह न केवल समाज के लिए खतरनाक होता है, बल्कि लोकतंत्र की जड़ों को भी कमजोर करता है. स्वामी प्रसाद मौर्य पर रायबरेली में हुआ हमला इसी चिंताजनक प्रवृत्ति का संकेत देता है. अब यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या यह मामला सिर्फ एक असंतुष्ट युवक का व्यक्तिगत विरोध था या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है.


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