खतरे की जद में जोशीमठ का पगनों गांव, प्रशासन से कर रहे हैं मदद की मांग

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Uttarakhand News: जोशीमठ के पगनों गांव में भूस्खलन का दायरा बढ़ रहा है। वहीं भूस्खलन का दायरा बढ़ने से आए दिन भवन व गौशालाएं भी बर्बाद हो रही है। आपको बता दें कि गांव के पीछे पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के कारण नौ परिवारों ने अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले ली है। जबकि 35 अन्य परिवारों को भी शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।

पगनों गांव के लोग जी रहे हैं डर के साए में

पगनों गांव के लोग डर के साये में जी रहे हैं जिसकी सुद अभी तक किसी ने नहीं ली है। बार-बार प्रशासन से गुहार के बाद भी प्रभावित परिवार विस्थापन की आस लगाए हुए हैं लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक पगनों गांव के विस्थापन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है।

संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद सती ने सरकार से मदद की मांग की

आपको बता दें कि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद सती ने डीएम के जरिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सोपा और सरकार से मदद की मांग की। वहीं अब इस मुद्दे को लेकर विपक्ष में सरकार को घेरा है। कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि  प्रदेश के अंदर जो आपदा  आई उसका आकलन करने में और आपदा से निपटने के लिए  सरकार पूरी तरह से खेल साबित हुई है।

भूस्खलन की जद में है पगनों गांव

गौरतलब है कि विकासखंड जोशीमठ के पगनों गांव में वर्ष 2021 से गांव के ऊपर हल्का भूस्खलन होना शुरू हो गया था। वर्तमान समय में यह भूस्खलन का दायरा विकराल रूप ले चुका है जिससे अब पगनों गांव में रह रहे 124 परिवारों पर कहर भरपा रहा है।  आए दिन हो रही वर्षा आपदा प्रभावित गांव की मुश्किलें बढ़ाता नजर आ रहा है। भूस्खलन का दायरा व मलबा वर्षा के पानी के साथ इतनी तेजी से बह रहा है कि गांव के सैकड़ों नाली भूमि भी नष्ट हो गई है।

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