
Misleading Advertisement Case: आज सुप्रीम कोर्ट में पतंजलि की भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई होगी। 2 अप्रैल को हुई सुनवाई में पंतजलि ने माफी मांगी थी।
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच ने फटकार लगाते हुए कहा कि ये माफीनामा सिर्फ औपचारिकता है। आप माफी नहीं कर रहे लगते।
9 अप्रैल को, बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नवीनतम एफिडेविट फाइल किया था। जिसमें पतंजलि ने स्पष्ट रूप से माफी मांगी और कहा कि वे इस गलती पर खेद व्यक्त करते हैं और ऐसा फिर कभी नहीं करेंगे।
17 अगस्त 2022 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर सुनवाई की जा रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने एलोपैथी और कोविड वैक्सीनेशन के खिलाफ गलत प्रचार किया था। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों का इलाज करने का झूठा दावा किया।
अब पूरी बात जानिए..
पतंजलि ने 10 जुलाई 2022 को एक विज्ञापन जारी किया। विकास ने एलोपैथी पर गलतफहमियां फैलाने का आरोप लगाया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसके खिलाफ 17 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई।
21 नवंबर 2023 को हुई सुनवाई में जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि पतंजलि को सभी झूठे दावे वाले विज्ञापनों को तुरंत बंद करना चाहिए था। कोर्ट झूठे उत्पाद दावे पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना लगा सकता है और ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगा।
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