
Manipur
मणिपुर ( Manipur) हाईकोर्ट की ओर से मैतेई समुदाई को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को लेकर अपने पुराने फैसले को बदला है। इस फैसले पर हाईकोर्ट का कहना है कि इस फैसले से राज्य में अशांति फैल सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि अब तक राज्य में हुई हिंसा में कुल 200 लोगों की मौत हो चुकी है।
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हाईकोर्ट ने जारी किए थे निर्देश
इस संबंध में हाईकोर्ट ने 27 मार्च 2023 में निर्देश जारी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर विचार करे. इस पर आपत्ति जताते हुई मैतेई समुदाय ने कहा था कि इसमें संशोधन किया जाए। कोर्ट द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद से ही राज्य में जातिगत हिंसा फैलना शुरु हो चुकी थी।
क्यों छिड़ा विवाद?
दरअसल मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
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