
Jharkhand: राज्य के गृह सचिव और डीजीपी वर्चुअल मोड में मंगलवार 19 दिसंबर को झारखंड हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में 1984 के सिख दंगे के पीड़ितों को मुआवजे और इससे संबंधित क्रिमिनल केस की निगरानी के लिए दायर जनहित याचिका पर उपस्थित हुए। कोर्ट ने दोनों अधिकारियों से मुआवजे का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में पूछा।
Jharkhand: पूरे राज्य में लगभग 600 केस दर्ज हैं
बता दें कि पूरे मामले में राज्य सरकार ने कहा कि लगभग 600 केस पूरे राज्य में दर्ज किए गए थे। फाइनल फॉर्म इनमें से कई में दाखिल हो गए हैं। शेष केसों की निगरानी की जा रही है। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सिख दंगों के पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दें। प्रार्थी के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट से जनहित याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर को सुरक्षा देने की मांग की, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जमशेदपुर एसएसपी से सुरक्षा की मांग करने को कहा।
2024 में होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई में नवीनतम रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। जनवरी 2024 में अगली सुनवाई होगी। हाई कोर्ट की खंडपीठ में हुई सुनवाई में सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पक्ष रखा, जबकि हस्तक्षेप कर्ता की ओर से फैसला अल्लाम ने पक्ष रखा। कोर्ट को बताया गया कि सिख दंगा पीड़ितों में से कई बीमार हैं।