
वर्तमान में, हरियाणा सरकार भी हरियाणा के प्राइवेट प्ले वे स्कूलों की तर्ज पर आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले वे स्कूलों में परिवर्तित कर रही है। इसका मतलब यह है कि गरीब परिवारों के बच्चे भी अब खेल-खेल में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसलिए बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जा सकता है। साथ ही यह उसके मानसिक विकास को भी बढ़ावा देता है।
हरियाणा सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए प्ले स्कूल खोले हैं। विभिन्न स्थानीय खेल केंद्रों को वर्तमान में प्ले स्कूलों में परिवर्तित किया जा रहा है। हरियाणा सरकार की इस योजना का असर करनाल जिले में भी देखने को मिल सकता है। इंद्री के कलरी नन्हेड़ा गांव का आंगनवाड़ी केंद्र अब प्ले वे स्कूल बन गया है। खेल के माध्यम से बच्चों का न केवल शैक्षणिक बल्कि मानसिक विकास भी होता है। गरीब परिवारों के बच्चे अब स्कूल जाते हैं और खेल-खेल में शिक्षित होते हैं। ऐसा लगता है कि सरकार के इस कदम से न सिर्फ बच्चे बल्कि उनके परिवार वाले भी काफी खुश हैं।
पढ़ाई से होता है बौद्धिक विकास
बच्चों के परिजन भी इससे काफी खुश नजर आ रहे हैं। अब आपका बच्चा भी खेलने जाता है तो ये सब सीखता है। एक धनी परिवार का बच्चा ऊंची फीस चुकाकर निजी तौर पर और खेल-खेल में सीखता है। इस गांव की जनसंख्या कम है इसलिए यहां केवल एक ही आंगनवाड़ी है। लेकिन यहां भी प्ले वे में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। गांव में बच्चों के खेल के मैदान खोलना सरकार का एक अच्छा कदम है। इसी से बच्चे का मानसिक विकास होता है। प्ले वे में पढ़ने वाली एक लड़की के पिता ने सरकार के प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। वहीं प्ले वे स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक भी सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं।
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