Haryana

मसीहा’ के रुप में ‘हरियाणा पुलिस’ पढ़ें पूरी ख़बर

एक पिता की अपनी बेटी से मिलने की खुशी क्या होती है ये हम सब समझते हैं. लेकिन जब पिता अपनी खोई हुई बेटी से 2 साल बाद मिलता है तो तस्वीर कुछ अलग होती है.7 साल की तबस्सुम जब 5 साल की थी तो वह अपने पिता शकील अहमद से बिछड़ गई थी।

 बेचारे शकील आज जब अपनी बेटी से मिले तो बार-बार उससे पूछ रहे हैं ‘बेटा पहचाना मुझे?’ और बच्ची हां में सिर हिलाकर बोलती है ‘पापा’…ये बच्ची अगर आज अपने पिता से नहीं मिलती तो कुछ दिन में ये इटली चली जाती.हरियाणा पुलिस के ASI राजेश कुमार गुमशुदा लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं।

 एएसआई राजेश कुमार ने 7 साल में 751 गुमशुदा लोगों को उनके परिवार से मिलवा चुकें हैं. राजेश कुमार स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल में काम करते हैं. एएसआई राजेश कुमार बताते हैं कि दो बार इस बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया भी हो चुकी है।

 पहली बार बच्ची को मद्रास के एक परिवार ने गोद लिया लेकिन तब बच्ची ने उस परिवार के साथ जाने से इनकार कर दिया. अब दूसरी बार इटली के एक परिवार ने बच्ची को गोद लेने के लिए अप्लाई किया है. राजेश कुमार बताते हैं कि अगर 10 दिन और देरी होते तो बच्ची इटली जा चुकी होती।

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