
Dr. A.P.J. Abdul Kalam Science City : बिहार की राजधानी पटना में बन रही डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी अब अपने अंतिम चरण की ओर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राजेंद्र नगर स्थित 21 एकड़ भूमि पर हो रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने पूरे परिसर का जायजा लिया और अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साइंस सिटी अपने आप में देश की सबसे आधुनिक और अनोखी विज्ञान संस्थाओं में से एक होगी. यहाँ आने वाले छात्र-छात्राओं को विज्ञान की मूलभूत बातें, गतिविधियाँ और सिद्धांत सरल और रोचक तरीके से समझने का मौका मिलेगा. इससे बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि और जिज्ञासा दोनों बढ़ेगी.
विज्ञान के प्रचार-प्रसार का अनोखा केंद्र
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस साइंस सिटी का उद्देश्य युवाओं और बच्चों में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. यही कारण है कि इसके निर्माण से पहले कई विशेषज्ञों की राय ली गई. आधुनिक तकनीक और रचनात्मकता का इस्तेमाल करते हुए इसे विश्वस्तरीय रूप देने की कोशिश हो रही है.

भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने जानकारी दी कि ज्यादातर भवनों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. यहां पांच बड़ी गैलरियां तैयार की गई हैं –
- बी ए साइंटिस्ट गैलरी (वैज्ञानिक बने दीर्घा)
- सस्टेनेबल प्लेनेट गैलरी (सतत ग्रह दीर्घा)
- बेसिक साइंस गैलरी (मूल विज्ञान दीर्घा)
- बॉडी एंड माइंड गैलरी (शरीर और मस्तिष्क दीर्घा)
- एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस गैलरी (खगोल विज्ञान एवं अंतरिक्ष दीर्घा)
नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (NCSM) और क्रिएटिव म्यूजियम डिज़ाइन्स (CMD) की मदद से लगभग 75 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण में कई प्रदर्शों का अधिष्ठापन अंतिम चरण में है.
डॉ. कलाम के नाम पर विशेष सम्मान
यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खास पहल है. जब इसकी परिकल्पना हुई थी, तब उन्होंने महान वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से सुझाव भी लिए थे. उस समय वे राष्ट्रपति नहीं बने थे. बाद में 2008 में डॉ. कलाम पटना आए और विधान मंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. उनकी मृत्यु के बाद उनके सम्मान में इस साइंस सिटी का नाम उनके नाम पर रखा गया.

इस परियोजना का शिलान्यास 1 मार्च 2018 को किया गया था. मुख्यमंत्री खुद समय-समय पर निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने अधिकारियों की टीम को विदेश भेजकर अन्य देशों की साइंस सिटी का अध्ययन करवाया. मार्च 2024 में नीतीश कुमार ने खुद लंदन स्थित साइंस सिटी का दौरा किया और कहा कि पटना की साइंस सिटी उससे भी बेहतर बनाई जाएगी.
आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी केवल एक प्रदर्शनी स्थल नहीं, बल्कि आधुनिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी का जीवंत केंद्र होगी. इसमें –
- 500 लोगों की क्षमता वाला एक अत्याधुनिक प्रेक्षागृह
- 150 बिस्तरों वाला डॉर्मेट्री, ताकि छात्र-छात्राएँ भ्रमण के दौरान ठहर सकें
- मुक्त आकाश रंगमंच, जहां विज्ञान से जुड़े कार्यक्रम होंगे
- आगंतुकों के लिए कैफेटेरिया और वाहन पार्किंग
- 150 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल ताकि परिसर ऊर्जा-कुशल बने
इन सभी सुविधाओं से यह साइंस सिटी केवल बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी.
889 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना
इस पूरे प्रोजेक्ट को विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने मंजूरी दी है. इसकी कुल लागत 889 करोड़ रुपये है. निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग के जिम्मे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि काम उच्च गुणवत्ता का और समय पर पूरा हो.
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ उनके प्रधान सचिव दीपक कुमार, सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस. वर्मा, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह और जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

बिहार की नई पहचान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह साइंस सिटी न सिर्फ बच्चों और युवाओं को विज्ञान की दुनिया से जोड़ेगी, बल्कि यह बिहार की नई पहचान भी बनेगी. जब छात्र यहां आकर विज्ञान की गहराइयों को समझेंगे, तो भविष्य में यही पीढ़ी राज्य और देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
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