
मान्यता है कि हनुमान जी की आराधना से शनि और मंगल ग्रह के दोषों से मुक्ति मिलती है। हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि और मंगल अशुभ फल दे रहे हो तो हनुमानजी की पूजा करने से उनकी समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। शनि की साढ़ेसाती-ढय्या और मंगल दोष निवारण के लिए हनुमानजी से जुड़े कुछ उपाय करने चाहिए। ये उपाय इस प्रकार हैं।
अगर आपको लग रहा है कि सफलता हाथ लगते-लगते चूक जाती है और कहीं भी कामयाबी हासिल नहीं हो रही है, तो हनुमान जयंती के दिन कुछ उपाय करें। आपको निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा।
शनि के दोष दूर करने के लिए हनुमान जयंती के दिन करें ये उपाय
शनि का प्रकोप कम करने के लिए हनुमान जयंती के दिन तांत्रिक हनुमान यंत्र की स्थापना करने का बड़ा महत्व है। हनुमान जयंती के दिन को अपने पूजन स्थान पर करें तांत्रिक हनुमान यंत्र की स्थापना करें और हर दिन इस यंत्र की पूजा करें। जल्दी ही आपको इसका फल भी मिलने लगेगा।
हनुमान जयंती के दिन शाम के समय किसी हनुमान मंदिर में जाएं और एक सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमानजी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है। इससे शनि की साढ़ेसाती को कम करने में मदद मिलेगी।
हनुमान जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा।
हनुमान जयंती के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाएं। इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके तुलसी की माला से से राम नाम का जप करें। कम से कम 11 माला जप अवश्य करें।
शनि देव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वे कभी भी किसी हनुमान भक्त को परेशान नहीं करेंगे। यदि आप शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान हैं, तो हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग बाण का पाठ करें। इसका पाठ करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलेगी।
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