Haryana

कांग्रेस बनाएगी नई रणनीति, दीपेंद्र सिंह हुड्डा के ट्वीट दे रहे संकेत

हरियाणा में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के कारण कांग्रेस, बीजेपी, जेजेपी, इनेलो और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक संघर्ष तेज हो गया है। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुडा और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, खासकर, बीजेपी को सत्ता से बाहर निकालने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। बाप-बेटे की जोड़ी की सक्रियता से स्पष्ट है कि वे प्रदेश में कांग्रेस को बचाने के साथ-साथ पार्टी की अंदरुनी राजनीति पर अपनी पकड़ को भी बचाना चाहते हैं।

हरियाणा में आठ महीने बाद लोकसभा और तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होंगे। बीजेपी एक बार फिर सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा बीजेपी को अंदरूनी नुकसान पहुंचाने में लगे हैं। बीजेपी, आप, इनेलो, जेजेपी, बसपा और अन्य लोकल और स्वतंत्र उम्मीदवारों के निशान पर हैं। यही कारण है कि कांग्रेस के युवा सांसद लगातार बीजेपी को धक्का दे रहे हैं।

हरियाणा में हो सकती बीजेपी की हार

दीपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के हर समुदाय को पार्टी में शामिल करने में लगे हैं। इस रणनीति से प्रदेश में बीजेपी का प्रभुत्व अब कम होता जा रहा है। जबकि कांग्रेस के सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पांच सितंबर को दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में अपने निवास पर हरियाणा से बीजेपी, जेजेपी, आप, बसपा और आईएनएलडी छोड़कर आए नेताओं और उनके समर्थकों को पार्टी में शामिल कराया। असंध विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रहे सुल्तान सिंह जांगड़ा (जेजीपी), बीजेपी के सतपाल सिंह प्रजापत, एससी सेल जींद जेजेपी के जिला उपाध्यक्ष संजय, आप उपाध्यक्ष नरेश कुमार वाल्मीकि, अकरम खान जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा INLD, सोनू सैनी (आप), जेजेपी के सोमबीर वाल्मीकि, सेवा सिंह वाल्मीकि और अधिवक्ता अशोक (जेजीपी), उमेद, रूपक, कांग्रेस पार्टी की नीतियों में सभी ने विश्वास व्यक्त किया।

शाहाबाद मारकंडा ब्लॉक के 42 वर्तमान सरपंचों और उनके समर्थकों को पांच सितंबर को पार्टी में शामिल किया गया। 27 जुलाई को भी पानीपत, यमुनानगर, हिसार और करनाल से विभिन्न दलों और संस्थाओं से लोगों को कांग्रेस पार्टी में शामिल कराया गया था। बकौल दीपेंदर सिंह हुडा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश के 36 बिरादरी के लोगों को एकजुट करने वाली पार्टी है। बीजेपी सरकार ने राज्य की जनता के हितों को अनदेखा किया है। हरियाणा में सरकार बदलने की आवाज तेजी से उठने लगी है।

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