संसद में ‘असंसदीय शब्दों’ पर लगी रोक के बाद राजनीति तेज, जानें लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने क्या कहा
Unparliamentary Words: संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी हुई हैं। संसद का मानसून सत्र इस बार 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। हालांकि संसद सत्र चालू होने से ठीक पहले कुछ ऐसे शब्दों की सूची जारी की गई है जिन्हें असंसदीय करार देते हुए उन्हें रिकॉर्ड में नहीं रखने की बात कही गई है। इन शब्दों की सूची जारी होते ही विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। बता दें तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने करारा हमला बोलते हुए कहा है कि मैं इन शब्दों का इस्तेमाल करूंगा।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल यह मुद्दा तब उठा है जब लोकसभा सचिवालय ने बुधवार को एक बुकलेट जारी किया है। हालांकि सचिवालय द्वारा जारी कुछ शब्दों को लेकर अब विवाद बढ़ता जा रहा है। बता दें इसमें कुछ शब्द जैसे जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट, अशेम्ड, अब्यूज्ड, बीट्रेड, करप्ट, ड्रामा, हिपोक्रेसी, इनकंपीटेंट, असंसदीय जैसे शब्दों का इस्तेमाल असंसदीय भाषा की श्रेणी में आएगा। इसलिए इन शब्दों का इस्तेमाल लोकसभा और राज्यसभा में ना हो।
हालांकि सचिवालय ने बकायदा ‘असंसदीय शब्द 2021‘ शीर्षक का नाम देकर इन शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है। जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति‘ की श्रेणी में रखा गया है। बता दें इसी बीच लोकसभा एवं राज्यसभा में बहस के दौरान यदि इन शब्दों का इस्तेमाल यदि सांसद करेंगे तो उन्हें ‘असंसदीय’ माना जाएगा और उन्हें सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा। इसी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है।
पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था… कागजों की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है…: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, दिल्ली pic.twitter.com/3My2EjZ1JO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2022
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने दिया बयान
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि ये प्रक्रिया काफी लंबे समय से चली आ रही है। उन्होंने ये भी कहा की 1954 से असंसदीय शब्दों को हटाने के प्रक्रिया चल रही है। पहले इस तरह के असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था। हमने सिर्फ कागजों की बर्बादी से बचने के लिए इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने संसदीय कार्यवादी से हटा दिए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।
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