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बेअदबी पर सीधे उम्रकैद! भगवंत मान ने विधानसभा में पेश किया सख्त ‘धार्मिक ग्रंथ सुरक्षा बिल 2025’ – जानें कैसे बदल जाएगा पूरा खेल!

Punjab Sacrilege Law : प्रदेश में बेअदबी की घटनाओं को रोकने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज ‘पंजाब विधानसभा में धार्मिक ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक, 2025’ पेश किया. सदन में विधेयक पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक भावनात्मक और संवेदनशील मुद्दा है जो हर पंजाबी से संबंधित है. उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे के न केवल वर्तमान में बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी गंभीर परिणाम हैं. भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस अक्षम्य अपराध के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करना समय की मांग है ताकि अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके.


बेअदबी के दोषियों को मिलेगी सख्त सजा

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब महान गुरुओं, संतों-महापुरुषों और पीर-पैगंबरों की पवित्र भूमि है, जिन्होंने सभी को आपसी प्रेम और सहिष्णुता का मार्ग दिखाया. उन्होंने अफसोस जताया कि कुछ पंजाब विरोधी ताकतें 2016 से पवित्र ग्रंथों की बेअदबी जैसे पाप को अंजाम देकर प्रदेश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं. भगवंत सिंह मान ने ऐसी घटनाओं के दोषियों के लिए नजीर बनने वाली सजा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया.


बेअदबी पर कठोर सजा तय

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने प्रमुख कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करके सख्त कानून तैयार किया है, जिसमें ऐसे घृणित अपराधों के लिए कठोर से कठोर सजा का प्रावधान किया गया है ताकि अपराधी अपने अक्षम्य अपराधों के गंभीर परिणामों से किसी भी बहाने बच न सकें. न्याय के प्रति अपनी सरकार के समर्पण को दोहराते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि इन अपमानजनक कृत्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हर व्यक्ति को अनुकरणीय सजा का सामना करना पड़ेगा. भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे खतरनाक अपराधियों को उनके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराना राज्य सरकार का नैतिक कर्तव्य है.


बेअदबी बिल पर कांग्रेस की सुस्ती पर निशाना

इस दौरान कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर कोई कानून या समाधान नहीं लाने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना की. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बरगाड़ी और बहबल कलां जैसी घटनाओं ने हर पंजाबी के मन को गहरी ठेस पहुंचाई है. उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे विधेयक पर चर्चा के लिए भी कांग्रेस नेताओं ने और समय मांगा है, जो इस मामले के प्रति उनकी गंभीरता की कमी को दर्शाता है. इस दौरान भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि जब मंगलवार को विधेयक पर चर्चा फिर से शुरू होगी, तब कांग्रेस नेता सरकार के साथ सहयोग के लिए तैयार होकर आएंगे ताकि इसे सर्वसम्मति से पारित किया जा सके.


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