बंगाल दिवस मनाया जाएगा ‘पोइला बैसाख’ को, CM बोलीं जरूरत नहीं है राज्यपाल का हस्ताक्षर

बंगाल दिवस मनाया जाएगा ‘पोइला बैसाख’ को, CM बोलीं जरूरत नहीं है राज्यपाल का हस्ताक्षर

बंगाल दिवस मनाया जाएगा ‘पोइला बैसाख’ को, CM बोलीं जरूरत नहीं है राज्यपाल का हस्ताक्षर

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पश्चिम बंगाल विधानसभा ने एक अप्रैल, पोइला बैसाख को बंगाल दिवस मनाने और ‘बांग्लार माटी बांग्लार जल’ को राज्य की गीत बनाने के प्रस्ताव पर पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंजूरी दे दी है। राज्य के सत्तारूढ़ दल टीएमसी की ओर से विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 167 वोट पड़े, जबकि विरोध में 62 वोट पड़े। हालांकि, वोटिंग के बाद बीजेपी विधायक विधानसभा हॉल से बाहर चले गए। सत्र के अंत में सत्ता पक्ष के विधायकों ने प्रस्तावित राज्यगीत एक सुर में गाया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उनके सुर में सुर मिलाया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ममता ने कहा, “अगर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करेंगे तो भी 1 बैशाख को बंगाल दिवस मनाया जाएगा। CM ने कहा, मुझे नहीं पता कि हमारा समर्थन कौन करेगा, लेकिन उस दिन को बंगाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री को संबोधित करने के लिए खड़े हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, ‘राज्यपाल इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।’ इस संदर्भ में उन्होंने राज्य का नाम बदलने और विधान परिषद के गठन संबंधी प्रस्ताव का भी जिक्र किया।

ममता का राज्यपाल को चैलेंज

मुख्यमंत्री ने कहा, हमारे नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल पोइला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में हस्ताक्षर नहीं करेंगे। मैं कहना चाहती हूं कि अगर राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।

विधानसभा हॉल में खड़े होकर ममता बनर्जी ने स्पीकर के सामने चुनौती भरे लहजे में कहा, मैं देखूंगी कि किसके पास ज्यादा ताकत है? क्या जनता अधिक शक्तिशाली है, या राज्यपाल, निर्वाचित लोग अधिक शक्तिशाली हैं? उन्होंने यह भी कहा, अगर राज्यपाल का नाम नहीं आया होता तो मैं ऐसा नहीं कहती।

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