
सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में कोर्ट ने खान को जमानत दी है। लेकिन 3 दिन पहले एक नया मुकदमा दर्ज होने की वजह से आजम खान जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। दरअसल फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे 3 स्कूलों की मान्यता कराने के मामले में आजम खान के खिलाफ 3 दिन पहले रामपुर में केस दर्ज किया गया था। इस मुकदमे के वारंट को सीतापुर जेल में शामिल भी कराया जा चुका है।
क्या है आजम पर नया मुकदमा
इस मामले में, मार्च 2020 में रामपुर के सैदनगर ब्लॉक के प्रखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 2015 में स्थापित रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग किये जाने की शिकायत दर्ज की गई थी।
रामपुर के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि इस जमीन को स्कूल के लिए इस जमीन- जो एक यतीमखाना (अनाथालय) के निर्माण के लिए निर्दिष्ट है को 2016 में यूपी वक्फ मंत्री के रूप में आजम खान के कार्यकाल के दौरान मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया गया था। लाला ने कहा कि वहां रहने वाले परिवारों को जबरदस्ती बेदखल किया गया था। उन्होंने आगे बताया स्कूल निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए लगभग 50 घरों को ध्वस्त कर दिया गया था।
इसके बाद साल 2020 में जाकर योगी सरकार के राज्य शिक्षा विभाग ने इस वर्तमान में निर्माणाधीन स्कूल की मान्यता प्रक्रिया की जांच शुरू की। पहले आजम खान की पत्नी तंजीम फातमा को इस मामले में आरोपी बनाया गया था और अब स्वयं आजम खान का नाम जोड़ा गया है।
इस मामले में, आजम के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 467 , 468, 471 और 120 बी आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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