भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन समाप्त हो चुका है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 10 सितंबर की सुबह ही वियतनाम के लिए रवाना हो गए। वियतनाम में जो बाइडन को 24 घंटे ठहरना था। इस दौरान वियतनाम में उन्होंने प्रेस से बात करते हुए अमेरिका और चीन के रिश्ते पर खुलकर बातचीत की। हनोई में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बाइडेन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करूंगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता है।
प्रेस के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मैंने शी जिंनपिंग के साथ किसी अन्य विश्व नेता की तुलना में अधिक समय बिताया है। अमेरिका चीन को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता है। हम वियतनाम बीजिंग से अलग होने के लिए नहीं आए हैं। बता दें कि वियतनाम अपनी सीमाएं चीन के साथ साझा करता है। ऐसे में जब जो बाइडन वियतनाम के दौरे पर गए तो इसके कई मायने निकाले जा रहे थे। ऐसा कहा जा रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चीन के खिलाफ वियतनाम के साथ खड़े हैं। हालांकि कयासबाजियों पर जो बाइडन ने लगाम लगाते हुए कहा है कि एक बार फिर हम चाइना से बेहतर संबंध करने की पहल करेंगे।
चीनी प्रधानमंत्री से जो बाइडन की मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने वियतनाम यात्रा से पहले कहा कि महत्वपूर्ण समय पर दोनों देश एक दूसरे के अहम साझेदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दशकों में दोनों देशों के पास हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आकार देने का अवसर है। बता दें कि इससे पहले नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में जो बाइडेन और चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के बीच मुलाकात हुई थी। बता दें कि इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं पहुंचे थे। भारत में हुई मुलाकात को लेकर जो बाइडन ने कहा था कि उनकी मुलाकात ली कियांग से हुई है और उनके बीच स्थिरता पर चर्चा की गई है।
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