
लगातार बिगड़ रहे मौसम और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की बुरी हालत के चलते जम्मू से अमरनाथ यात्रा Amarnath Yatra 2022 शुक्रवार को फिर से रोक दी गई। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू से किसी भी नए जत्थे को बेस कैंप की ओर जाने नहीं दिया जा रहा है। यात्रा प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि राजमार्ग की बुरी हालत है। भारी बारिश के बाद भूस्खलन और पत्थर गिरने के कारण बंद राष्ट्रीय राजमार्ग को गुरुवार रात एक तरफ से यातायात के लिए खोल दिया गया था।
इससे पहले 10 और 11 जुलाई को भी खराब मौसम के चलते जम्मू से अमरनाथ यात्रा निलंबित कर दी गई थी। अधिकारियों के अनुसार, राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से शुरू होने की स्थिति में शाम से जम्मू से एक बार फिर यात्रा की अनुमति दी जा सकती है।
Amarnath Yatra 2022 43 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 30 जून को दो मार्गों से शुरू हुई। यह 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी।दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग के पहलगाम में नुनवान से 48 किलोमीटर का पारंपरिक मार्ग है और दूसरा मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग 14 किलोमीटर छोटा है।
बता दें कि दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास कुछ दिन पहले बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ में कई लोग बह गए थे। मलबे में दबने से अब तक 16 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 40 यात्री लापता थे। इस हादसे में 65 लोग घायल हुए थे, हालांकि, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि यह घटना बादल फटने की वजह से नहीं हुई है।
कश्मीर के एक स्वतंत्र मौसम वेधशाला ने बुधवार को पहलगाम, चंदनवारी, जोजिबल, एमजी टॉप, शेषनाग, पोशपत्री, पंचतरणी, संगम और पवित्र गुफा के आसपास बारिश की चेतावनी दे दी थी। इसी तरह बालटाल मार्ग से बालटाल, दुमैल, ब्रारीमर्ग, संगम और पवित्र गुफा के आसपास बारिश होने आसार जताए थे।