कांग्रेस ने सीट बंटवारे की सिरदर्दी सुलझाने की बढ़ाई गति, 4 जनवरी को होगी पार्टी हाईकमान की बैठक
New Delhi : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के सीट बंटवारे के लिए विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन के दलों के चौतरफा दबाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपनी राज्य इकाईयों के साथ चर्चा का दौर लगभग पूरा कर लिया है। पार्टी हाईकमान अब वरिष्ठ नेताओं से अगले दो-तीन दिनों में तालमेल के मुद्दे पर मशविरा कर राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ सीट बंटवारे की कसरत को सिरे चढ़ाएगा।
अधिकतम और न्यूनतम अपेक्षाएं नेतृत्व को बता दी है
समझा जाता है कि कांग्रेस की पंजाब इकाई के अलावा कमोबेश अन्य प्रदेश इकाईयों ने आईएनडीआईए गठबंधन में शामिल दलों के साथ लोकसभा सीट बंटवारे पर हामी भरते हुए अपनी अधिकतम और न्यूनतम अपेक्षाएं नेतृत्व को बता दी है।
एकजुटता का संदेश देने की कोशिश
आम चुनाव की तैयारियों को गति देने के लिए गठबंधन की गांठें सुलझाना कांग्रेस के लिए पहली बड़ी चुनौती है और पार्टी राहुल गांधी की मणिपुर से मकर संक्राति के दिन पूरब से पश्चिम भारत को जोड़ने वाली शुरू हो रही न्याय यात्रा से पूर्व इस कसरत को पूरा कर लेना चाहती है। लोकसभा सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय होने के बाद ही आईएनडीआईए के दलों की अगली बैठक बुलाए जाने की संभावना है ताकि चुनाव से पहले गठबंधन की एकजुटता का संदेश दिया जा सके।
ममता बनर्जी तालमेल के लिए गंभीर नहीं हैं
हालांकि, सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। क्योंकि, जिन राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व है, वहां वे उसे अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं हैं। पश्चिम बंगाल इसका उदाहरण है, जहां तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी को केवल दो सीटें देने की पेशकश की है, और बंगाल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी खुले तौर पर यह बयान दे चुके हैं कि ममता बनर्जी तालमेल के लिए गंभीर नहीं हैं।
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