इंडिया गठबंधन की 19 दिसंबर को होने वाली बैठक में सीटों के बंटवारे पर होगी चर्चा, मायावती को शामिल करने पर भी होगा विचार
New Delhi : इंडिया गठबंधन की दिल्ली में 19 दिसंबर को होने वाली बैठक कई मायनों में अहम होने वाली है। 3 राज्यों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद हो रही इस बैठक में अब एकसाथ चलने पर एकमत होने पर मंथन किया जाना है। मुख्य सकारात्मक एजेंडा, सीटों के बंटवारे और संयुक्त रैलियां आयोजित करने के अलावा बसपा पर भी विचार-विर्मश होनी संभव है।
मायावती पर भी होगा विचार
पीएम मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों का मंशा लोकसभा चुनाव में अब एकजुटता बनाए रखने की है। इस कड़ी में यह भी विचार किया जाना है कि बसपा प्रमुख मायावती को कैसे विश्वास में लिया जाए। क्योंकि, बसपा अकेले चुनाव लडकर उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों में विपक्ष की गणित बिगाड़ सकती है।
सकारात्मक एजेंडा बनाना विपक्षी दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश के संदर्भ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव दोनों को उम्मीद है कि मायावती गठबंधन के साथ अब आ सकती हैं। हालांकि, बैठक में कुछ ऐसे खास मुद्दों को चिन्हित करने की तैयारी है, जिस पर सभी विपक्षी दलों की सहमति बने। गठबंधन के लिए मुख्य सकारात्मक एजेंडा बनाना विपक्षी दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
जयराम रमेश ने क्या दी थी जानकारी?
जयराम रमेश ने कहा था कि विपक्षी इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक फिर से स्थगित कर दी गई है, और 19 दिसंबर को दिल्ली में होगी। उन्होंने कोई कारण नहीं बताया कि 17 दिसंबर को होने वाली बैठक क्यों स्थगित की गयी। इससे पहले, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित गठबंधन के शीर्ष नेताओं के फैसले के बाद बैठक 17 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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