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G20: निमंत्रण पत्र  पर बोले जयशंकर, ‘हर कोई पढ़े संविधान’

जी-20 बैठक दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच होने वाला है। इस बैठक के डिनर में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक निमंत्रण पत्र भेजा गया है जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से भेजे गए इस निमंत्रण पत्र पर लगातार विवाद बढ़ता जा ही रहा है। साथ ही विपक्ष जी-20 के लिए भारत सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों पर भी निशाना साध रहा है। इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मेरा मानना है कि हर किसी को संविधान पढ़ना चाहिए। एस जयशंकर ने तैयारियों को लेकर कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है।

इंडिया ही भारत है: एस जयशंकर

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मैं प्रत्येक व्यक्ति को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी है।

यह सरकार अलग है: एस जयशंकर

एस जयशंकर कहा कि ‘यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें जी-20 ऐसी चीज है, जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए। जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी सन् 1983 में फंसे रहना चाहिए, उनका 1983 में फंसे रहने के लिए स्वागत है’।

उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई, जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके दो किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो’।

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