Uttarakhand: भूस्खलन से सड़कों के बंद होने का सिलसिला शुरू

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प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही भूस्खलन से सड़कों के बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बदरीनाथ नेशनल हाईवे चमोली के आगे छिनका के पास बंद हो गया। वहीं राज्य में बारिश और भूस्खलन के कारण 51 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रशासन और लोक निर्माण विभाग की टीमें बंद हुई सड़कों पर यातायात बहाल करने में जुटी हुई हैं।

उत्तराखंड के मानसून के सक्रिय होने और कई जिलों में भारी बारिश के  अलर्ट के बीच पहाड़ों पर हो रहे भूस्खलन ने मुसीबत बढ़ा दी है। राज्य में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है तो वहीं कई जगह हुए भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं। भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग छिनका के पास बंद हो गया। पहाड़ से भारी मात्रा में आए मलबे के कारण राजमार्ग बंद हो गया जिससे बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जा रहे श्रद्धालुओं को रास्ते में ही रोकना पड़ा। चमोली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक तीर्थयात्रियों को कर्णप्रयाग, पीपलकोटी और गौचर में रोका गया।

लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में बदरीनाथ राजमार्ग के साथ ही बारिश, भूस्खलन के कारण 51 जगह सड़कें बंद हुई हैं। प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के कर्मी जेसीबी मशीनों के सहारे रास्ते खोलने में जुटे हुए हैं। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी बारिश से पैदा हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। मौसम विभाग ने 3 जुलाई तक प्रदेश के देहरादून, बागेश्वर, टिहरी, नैनीताल, चमोली, पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना जताई है। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने तीर्थयात्रियों से भी सुरक्षा के मद्देनजर धैर्य रखते हुए मौसम की जानकारी लेते हुए यात्रा करने की अपील की है।

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