
मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) द्वारा आज सुपोषण अभियान के तहत सुवर्णप्राशन का उद्घाटन किया गया। उन्होनें इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी हजारों वर्ष प्राचीन परंपरा में मनुष्य के सुखी जीवन की व्यवस्था है। हमारे ऋषि-मुनियों ने स्वस्थ शरीर के लिए जीवन शैली विकसित की, इसमें 16 संस्कार है। इन संस्कारों का वैज्ञानिक आधार है और यह शोध के आधार पर बनी है, जिसमें एक है स्वर्णप्राशन।
आयुर्वेद में शोध कम होने से इसका प्रभाव कम हुआ: CM Shivraj Singh Chouhan
सीएम बोले स्वर्णप्राशन का संस्कार अब लुप्त होने की ओर है, जबकि यह बच्चों के पोषण के लिए महत्वपूर्ण है। मैं आप सभी को प्रणाम करता हूं, जो हमारे सनातन परंपरा के संस्कारों को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रयासरत हैं। ऋषि-मुनियों द्वारा प्रदत आयुर्वेद अद्भुत चमत्कार करने वाली चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथ से स्वस्थ रहने की विशेष सुविधाएं हैं, लेकिन आयुर्वेद का महत्व भी है। आयुर्वेद में शोध कम होने से इसका प्रभाव कम हुआ है। अब इसे बढ़ाया जा रहा है।
बच्चों को कुपोषण से दूर करने में स्वर्णप्राशन का भी महत्व: सीएम
उन्होनें कहा भोपाल (Bhopal) के पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक महाविद्यालय को शोध संस्थान के रूप में विकसित करना होगा, जिससे आयुर्वेद के क्षेत्र में अनुसंधान बढ़ सके। मध्यप्रदेश में बच्चों के कुपोषण के खिलाफ कई अभियान संचालित हैं। मैं समाज का आह्वान करता हूं कि आप भी इसमें योगदान दें। हम सभी मिलकर आगे बढ़ें, तो बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। बच्चों को कुपोषण से दूर करने में स्वर्णप्राशन का भी महत्व है।
भोपाल में सुवर्णप्राशन के उद्घाटन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमारी आयुर्वेदिक परंपरा अद्भुत है। पहले जब बच्चे का जन्म होता था तो उसे जन्मघुटी पिलाई जाती थी। बीमारियों से किस प्रकार खुद को सुरक्षित रखा जाए इसकी व्यवस्था काफी समय से चल रही है। आयुर्वेद से मनुष्य को स्वस्थ बनाए रखने के साथ ही बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए ‘आरोग्य भारती’ के सेवा कार्यो को मैं प्रणाम करता हूं। मेरी शुभकामनाएं हैं कि आप समाज को स्वस्थ बनाने के अभियान को जारी रखें।