‘धर्म संसद’ के मामले पर सिविल सोसाइटी ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

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उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले महीने हुए धर्म संसद में दिए गए विवादस्पद भाषणों पर सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी को पत्र लिखा है। दिए गए पत्र में 86 लोगों के हस्ताक्षर हैं।

सिग्नेचर करने वाले लोगों में रिटायर्ड एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, पत्रकार अनुराधा भसीन, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और फिल्मकार आनंद पटवर्धन समेत कई हस्तियां शामिल हैं।

पत्र में हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित हुई धर्म संसद में दिए विवादस्पद भाषणों और नारेबाजी पर आपत्ति जताई है।

खत में क्या लिखा है

पत्र में लिखा गया है कि

“हम हरिद्वार और दिल्ली में हाल में हुई घटनाओं, जिनमें भारतीय मुसलमानों और ईसाई, दलित और सिख जैसे अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के कत्लेआम का खुलेआम आह्वान किया गया है, उसके संबंध में आपको ये ख़त लिख रहे हैं।

हम 17 से 19 दिसंबर, 2021 को हरिद्वार में हिंदू साधुओं एवं अन्य नेताओं के ‘धर्म संसद’ कार्यक्रम में दिए गए भाषणों की बातों को लेकर काफ़ी चिंतित हैं। इस कार्यक्रम में बार-बार हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील की गयी है और कहा गया कि अगर इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ज़रूरत पड़े तो हथियार उठाने से भी हिचका न जाए। और हिंदू धर्म को बचाने के लिए भारतीय मुसलमानों को मारने से भी गुरेज़ न किया जाए।”

पत्र में दिल्ली की घटना का भी जिक्र

खत में दिल्ली में दिए गए भाषण पर भी आपत्ति जताई गई है। दिल्ली में खुलेआम भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कही गई है।

“कई लोग एक जगह एकत्रित हुए और ज़रूरत पड़े तो लड़कर-मारकर सार्वजनिक रूप से भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने की कसम खाई।”

इस पत्र में न्यायपालिका और केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की अपील की है। “भारत सरकार और न्यायपालिका के उच्चतम स्तर को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की ज़रूरत है, चाहें इस तरह के कत्लेआम का आह्वान किसी भी शख़्स या दल ने किया हो।

हम नफ़रत के सार्वजनिक प्रदर्शन के साथ हिंसा करने के लिए इस तरह के आह्वान को इजाज़त नहीं दी जा सकती, क्योंकि ये सिर्फ हमारी आंतरिक सुरक्षा में एक गंभीर चूक ही नहीं, बल्कि ये हमारे देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्न-भिन्न कर सकता है।

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