योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘अमृत सरोवर’ में जमकर हो रही है धांधली, मनरेगा में भ्रष्टाचार का अड्डा बना ब्लॉक

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उत्तर प्रदेश में सरकार जनता के लिए तमाम योजनाएं निकाल रही है। लेकिन सरकार में बैठे कुछ कर्मचारी इन सभी योजनाओं को विफल करने के लिए तैयार बैठे है। बता दें जहां एक तरफ केन्द्र सरकार गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजना चला रही है। ताकि गरीबों को मुख्य धारा में लाया जा सके। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में मनरेगा योजना गरीब जनता के लिए काफी हद तक हितकारी साबित हो रही है। मनरेगा से गरीब जनता को 100 दिन का काम मिल जाये ताकि मजदूरों को पलायन न करना पड़े। लेकिन कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारी सरकार के मंसा को पलीता लगाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। 

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जिले का शहाबगंज ब्लॉक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है। हाल ही में योगी सरकार ने लगातार गिरते भूजलस्तर को देखते हुए जलसंचय के लिए अमृत सरोवर योजना कि शुरुआत की ताकि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब,  पोखरों की खुदाई व सुंदरीकरण कर कर बड़े पैमाने पर जल संचय किया जा सके।ताकि आने वाली पीढ़ियों को पानी के लिए कोई दिक्कत उत्पन्न न हो।

क्या है पूरा मामला

दरअसल पूरा मामला शहाबगंज विकास खण्ड क्षेत्र के बरांव गांव का है और अमृतसरोवर योजना से जुड़ा है। इस योजना के तहत चयनित तालाब की खुदाई मनरेगा मजदूरों से कराई जा रही है। उक्त तालाब की खुदाई पिछले एक हफ्ते से हो रही है। मौके पर जाने पर जानकारी हुई की काम कर रहे मजदूरों का भरा जाने वाला मास्टर रोल जिसमें मजदूरों की उपस्थिति दर्शाई जाती है। और उसी हिसाब से मजदूरों को मनरेगा की मजदूरी दी जाती है वह नदारद था। मौके मौजूद महिला मेठ और तकनीकी सहायक से मस्टरोल पर मौजूद लेबर डिमाण्ड के बारे में पूछा गया तो लेबर डिमाण्ड 60 लोंगों का बताया गया। अब आप समझ गए होंगे कि किस प्रकार मनरेगा में मजदूरों के नाम पर मजदूरी हड़पने का खेल चल रहा है और इस खेल के सूत्रधार हैं ग्राम प्रधान रोजगार सेवक और ग्राम सेक्रेटरी।

इस संबंध में जिलाधिकारी से जब सवाल किया गया तो उन्होंने बताया की मनरेगा गाइडलाइन के अंतर्गत बहुत स्पष्ट है। उन्होंने कहा जो लेबर है उनका मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज की जाए। तदनुसार उनका विजिट दर्ज करते हुए भुगतान किया जाएगा। वो भी बिना किसी विलंब के। इस संबंध में जो शिकायत प्राप्त हुई है जांच के लिए टीम बनाई गई है और सभी कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

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रिपोर्ट – मिथिलेश सिंह