
Gorakhpur Development Projects : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी नागरिकों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें शासन की सुविधाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ विकसित भारत की मजबूत नींव के निर्माण के लिए अनेक कार्यक्रम आगे बढ़ाए हैं. इस दिशा में कई योजनाएं सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही हैं. इसी क्रम में आज गोरखपुरवासियों को दो कल्याण मंडप समर्पित किए गए हैं. ये मंडप बाबा गंभीरनाथ नगर, मानबेला और राप्तीनगर विस्तार के पीरू शहीद में स्थित हैं, जिनका उपयोग शादी-विवाह, मांगलिक कार्य, सभाएं और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के लिए किया जाएगा. प्रदेश के अन्य शहरों में भी ऐसे कल्याण मंडप तेजी से बनाए जा रहे हैं.
दो कल्याण मंडपों का लोकार्पण और सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने मानबेला, गोरखपुर में इन दो कल्याण मंडपों का लोकार्पण किया और इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि राप्तीनगर क्षेत्र के वार्ड नंबर 05 बाबा गंभीरनाथ नगर के मानबेला में और राप्तीनगर विस्तार ग्राम मानबेला के टोला ‘पीरू शहीद’ में एक-एक कल्याण मंडप का निर्माण किया गया है. मुख्यमंत्री ने मंडपों का निरीक्षण कर उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली. इसके अलावा उन्होंने राप्तीनगर विस्तार टाउनशिप तथा स्पोर्ट्स सिटी आवासीय योजना के आवंटित लाभार्थियों को आवंटन पत्र भी वितरित किए. बच्चों का अन्नप्राशन और गर्भवती महिलाओं की गोदभराई भी इस अवसर पर की गई. कार्यक्रम में आयोजित प्रदर्शनी का भी उन्होंने अवलोकन किया.

मुख्यमंत्री ने गोरखपुरवासियों को कल्याण मंडपों के लिए बधाई दी और कहा कि इन परियोजनाओं के लिए विधायक निधि से 1 करोड़ 86 लाख रुपये उपलब्ध कराए गए हैं. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने इनके लिए भूमि की व्यवस्था करते हुए बाकी धनराशि का प्रबंध किया. अब ये भव्य कल्याण मंडप बनकर तैयार हो चुके हैं. कल्याण मंडपों में 11 से 25 हजार रुपये देकर लोग अपने कार्यक्रम आयोजित कर सकेंगे, जबकि बड़े होटलों में इन कार्यक्रमों के लिए 5 से 10 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. गोरखपुर में अब तक गोरखपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम द्वारा पांच ऐसे कल्याण मंडप बनाए जा चुके हैं.
आवासीय सुविधाएं और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीबों को आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. जिन गरीबों के पास अपनी जमीन है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है, जबकि जिनके पास जमीन नहीं है, उन्हें विकास प्राधिकरण की अन्य योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. पिछले वर्ष दीपावली पर मानबेला क्षेत्र में आवासीय सुविधा का लोकार्पण हुआ था और अब राप्तीनगर विस्तार में गरीबों को आवासीय सुविधा मिल रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवास का निर्माण किसी व्यक्ति के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है. जब उस व्यक्ति की मेहनत के साथ शासन प्रशासन का सहयोग भी मिल जाए, तो यह उपलब्धि उसके लिए आजीवन यादगार बन जाती है. स्पोर्ट्स सिटी में आवासीय सुविधा लोगों के जीवन को आसान बनाने के साथ-साथ उन्हें खुशहाली भी देती है.

उन्होंने कहा कि आज गोरखपुर नया भारत और नया उत्तर प्रदेश है. पहले गोरखपुरवासियों को अपनी पहचान छुपानी पड़ती थी और यहां इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों से हजारों बच्चों की मौत होती थी. अब बीमारी के कारणों का पता लगाकर उसका उपचार किया गया है. यह केवल बीमारी का उपचार नहीं, बल्कि उस मानसिकता का भी अंत है जो गोरखपुर और उत्तर प्रदेश के विकास में बाधक थी.
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रदेश में माफिया प्रवृत्ति खत्म हो चुकी है. बेटियां, व्यापारी और सभी नागरिक सुरक्षित हैं. आमजन को सुविधाएं और युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने यहां फर्टिलाइजर कारखाना बंद कर दिया था, लेकिन आज वह फिर से चालू हो गया है. गोरखपुर की कनेक्टिविटी फोरलेन सड़कों से बेहतर हुई है, और रामगढ़ ताल पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है.
चिलुआ ताल का सौंदर्यीकरण कार्यक्रम भी जारी है, जहां हजारों लोग परिवार के साथ घूमने जाते हैं. जलजमाव से मुक्ति के लिए गोड़धोइया नाले का सुंदरीकरण युद्धस्तर पर चल रहा है. निर्माण कार्य के कारण असुविधा हो सकती है, लेकिन यह विकास के लिए आवश्यक है. नकारात्मक सोच वाले लोग ऐसे प्रयासों में बाधा डालने की कोशिश करते हैं.
विकास, रोजगार और सामाजिक कल्याण योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर से लखनऊ की कनेक्टिविटी पहले 7-8 घंटे में पूरी होती थी, अब मात्र 3 घंटे में पहुंचा जा सकता है. अच्छी ट्रेनें, सड़कों और हवाई सेवा से यह संभव हुआ है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज आज अत्याधुनिक उपचार केंद्र बन चुका है, जबकि वर्ष 2017 से पहले यह अस्पताल स्वयं बीमार था. एम्स भी यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दे रहा है.
उन्होंने कहा कि अच्छी सरकारें बेहतर काम करने के लिए सोचती हैं. 2017 से पहले प्रयास होते थे, लेकिन सहयोग नहीं मिलता था. तब की सरकारें केवल अपने लोगों को ही योजनाओं का लाभ देती थीं. वर्तमान सरकार ने बिना किसी भेदभाव के 57 लाख गरीबों को आवास सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसमें गोरखपुर के लाखों लोग भी शामिल हैं.
सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ की नीति पर काम कर रही है, इसलिए परिवर्तन नजर आ रहा है. पहले सरकारी अस्पतालों में संसाधन नहीं थे और गरीब इलाज के लिए तरसते थे. अब आयुष्मान कार्ड योजना के तहत गरीबों और 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा मिलता है. जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद दी जाती है. एक वर्ष में लगभग 1,100 करोड़ रुपये इस कोष से इलाज के लिए जारी किए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास के साथ-साथ गरीब कल्याण योजनाओं का भी लाभ प्रदान कर रही है. मुफ्त राशन, कन्या सुमंगला योजना, सामूहिक विवाह योजना जैसी योजनाएं बेटियों की शिक्षा और विवाह में सहायता करती हैं. हाल ही में फर्टिलाइजर के मैदान में 1,600 बेटियों का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया गया.
गोरखपुर में नए कारखाने लग रहे हैं. पिपराइच में चीनी मिल शुरू हो चुकी है और आयुष विश्वविद्यालय भी स्थापित हो रहा है, जो आयुर्वेदिक उपचार का केंद्र बनेगा. गीडा में बड़ी फैक्ट्रियां लग रही हैं, जहां हजारों युवाओं को रोजगार मिल रहा है. पहले नौजवानों को अन्य राज्यों में जाना पड़ता था, अब उन्हें गोरखपुर में ही नौकरी मिल रही है.
उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से सरकार के प्रयास लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आते हैं. इसी सोच के तहत कल्याण मंडप की शुरुआत गोरखपुर से हुई, जो अब कई अन्य शहरों में भी मॉडल के रूप में अपनाया जा रहा है.
कल्याण मंडपों में दिव्यांगजन के लिए रैम्प, 300 लोगों की बैठने की व्यवस्था, मंडप, रसोई, टॉयलेट, लॉन और पार्किंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. इनकी लागत लगभग ढाई करोड़ रुपये है और यह विकास निधि के पैसे का बेहतर उपयोग है.
स्पोर्ट्स सिटी भी बन रही है, जहां युवाओं को खेलकूद के लिए मंच मिलेगा. राजेन्द्र नगर पश्चिम में बाबा राघवदास के नाम पर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण विधायक निधि से किया गया है, जिसमें 200 से अधिक नौजवान जुड़े हैं. राप्तीनगर में इससे भी बड़ा कॉम्प्लेक्स बन रहा है.
रामगढ़ ताल और चिलुआ ताल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. जलजमाव से निजात के लिए गोड़धोइया नाले का सौंदर्यीकरण युद्धस्तर पर जारी है. निर्माण कार्य के दौरान असुविधा हो सकती है, लेकिन यह विकास की प्रक्रिया का हिस्सा है. नकारात्मक सोच वाले इसे राजनीति का विषय बनाने की कोशिश करते हैं, जबकि विकास ही हमारा लक्ष्य है.
सकारात्मक बदलाव और भविष्य की तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें तेजी से हो रहे परिवर्तनों का संवाहक बनना होगा. दुनिया आगे बढ़ रही है, हमें भी पीछे नहीं रहना. प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य दिया है, जिसमें हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशहाली होगी, हर हाथ को काम मिलेगा, बेहतर कनेक्टिविटी होगी और हर परिवार के पास अपना आवास होगा. बेटी सुरक्षित होगी और व्यापारी सुरक्षित महसूस करेगा.
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें अपने स्तर पर, अपने वार्ड, जनपद और क्षेत्र में पूरी तैयारी के साथ काम करना होगा. हाल ही में उत्तर प्रदेश विधानसभा में 2047 के उत्तर प्रदेश के भविष्य पर लंबी बहस हुई, जिसमें विकसित गोरखपुर की तस्वीर भी उभरी.
अच्छी पेयजल, बेहतर कनेक्टिविटी और व्यवस्थित शहर के लिए गोरखपुर नगर निगम, जिला पंचायत और स्थानीय प्रतिनिधियों को पूरी तैयारी करनी होगी. 8 वर्ष पहले कोई नहीं सोचता था कि उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त होगा, लेकिन अब यह सच हो चुका है. प्रदेश में निवेश बढ़ा है और बीआरडी मेडिकल कॉलेज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है.
सांसद रवि किशन भी रहे मौजूद
सीएम योगी ने कहा कि टीम वर्क से ही सफलता मिलती है. आज गोरखपुर और प्रदेश का विकास इसी प्रयास का परिणाम है. उन्होंने सभी से नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मक भाव से आगे बढ़ने का आह्वान किया.

कार्यक्रम में सांसद रवि किशन शुक्ल, गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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