
UP News : निषाद पार्टी के नेता धर्मात्मा निषाद ने सुसाइड कर लिया है। धर्मात्मा निषाद ने अपने सुसाइड नोट में डॉ संजय निषाद उनके बेटों प्रवीण निषाद और विधायक श्रवण कुमार निषाद पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद पर बड़ा आरोप लगा है। निषाद पार्टी के नेता धर्मात्मा निषाद ने फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखने के बाद सुसाइड कर ली है। सुसाइड नोट में धर्मात्मा निषाद ने सुसाइड की सबसे बड़ी वजह डॉ संजय निषाद और उनके बेटों को बताया है।
अपने कमरे में आत्महत्या कर ली
धर्मात्मा निषाद ने लिखा है कि संजय निषाद और उनके बेटों ने उनके खिलाफ षड़यंत्र किए और झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश की। धर्मात्मा निषाद महराजगंज के पनियरा के रहने वाले थे वह निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव भी रह चुके थे। धर्मात्मा निषाद ने पनियरा के नरकटहा में अपने कमरे में आत्महत्या कर ली।
यह आखिरी संदेश है
धर्मात्मा निषाद ने लिखा कि मैं अपनी जिंदगी की लड़ाई हार गया। यह आखिरी संदेश है। आज बहुत कुछ सोचने समझने के बाद मैं ने यह फैसला लिया है कि यह दुनिया मेरे किसी काम की नहीं है। मैंने अपनी क्षमता के हिसाब से जितना लोगों की मदद कर सकता था उतना मदद करने का प्रयास किया, कई बार तो अपनी क्षमता के ऊपर भी जाकर लोगों की मदद की। इसके वजह से मेरे हजारों राजनैतिक और सामाजिक दुश्मन बनें फिर भी मैंने समाज के शोषित वंचित और कमजोर की आवाज को बुलंद करने का काम लगातार जारी रखा।
कई बार मुझे जेल भी जाना पड़ा
धर्मात्मा निषाद ने लिखा कि इस बीच मुझे कई बार फर्जी मुकदमे भी झेलने पड़े और कई बार मुझे जेल भी जाना पड़ा फिर भी मैंने अपने कदम को रुकने नहीं दिया और लगातार लोगों की मदद करता रहा। धर्मात्मा निषाद ने लिखा अब आते हैं मुख्य बिंदु पर कि आखिर मुझे यह फैसला क्यों लेना पड़ा तो आप सबको अवगत कराना चाहता हूं कि मैं करीब पिछले दस साल से डॉ संजय कुमार निषाद उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सामाजिक और राजनैतिक संगठन जैसे कि राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद् और निषाद पार्टी के विभिन्न पदों पर रहते हुए कार्य कर रहा था। जिसमें पिछले दस साल से मैंने कभी अपने परिवार को समय नहीं दिया जितना कि मैंने डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके परिवार के लोगों के साथ समाज को समय दिया।
फर्जी मुकदमे में फंसाने का प्रयास
धर्मात्मा ने लिखा कि इस बीच मैं ने उत्तर प्रदेश के लगभग 40-50 जिलों में संगठन और पार्टी के लिए काम किया जिसकी वजह से निषाद समाज के युवाओं के साथ-साथ अन्य वर्ग के भी युवाओं में मेरी लोकप्रियता बढ़ती गई। जिसके कारण डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों की बेचैनी बढ़ने लगी कि आखिर यह एक साधारण सा लड़का इतना अधिक चर्चित और लोकप्रिय कैसे होता जा रहा है। इसी बात को लेकर पिछले दो सालों से डॉ. संजय कुमार निषाद और उनके बेटों ने मेरे खिलाफ सामाजिक और राजनैतिक रूप से षड्यंत्र करते हुए मुझे पहले तो कमजोर करने का प्रयास किया फिर मेरे ही साथ के युवा साथियों को भड़काने और मेरे खिलाफ खड़ा करने के लिए तरह-तरह के प्रलोभन देने के साथ-साथ मुझे और मेरे टीम को फर्जी मुकदमे में फंसाने का प्रयास करने लगे।
धर्मात्मा निषाद की मौत को व्यक्तिगत क्षति
वहीं कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने धर्मात्मा निषाद की मौत को व्यक्तिगत क्षति बताया है। संजय निषाद का कहना है कि धर्मात्मा निषाद के अकाउंट से सोशल मीडिया पर झूठी बातें लिखी गई हैं और उनकी इमेज खराब करने की कोशिश की गई है। संजय निषाद का कहना है कि धर्मात्मा कभी ऐसा नहीं कर सकते थे। इसलिए पुलिस पूरे मामले की जांच करे और पता लगाए कि धर्मात्मा निषाद के फेसबुक पर ये पोस्ट किसने लिखी।
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