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राजद-कांग्रेस में तकरार, राजेश राम की सीट पर तेजस्वी ने उतारा उम्मीदवार

फटाफट पढ़ें

  • बिहार चुनाव 2025 में महागठबंधन में विवाद
  • कुटुंबा सीट पर कांग्रेस और राजद आमने-सामने
  • सुरेश पासवान राजद, राजेश राम कांग्रेस से
  • एनडीए ने ललन राम को उम्मीदवार बनाया
  • मुकाबला दिलचस्प, फैसला जनता के वोट पर

Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन के अंदर सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. राज्य की कई सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. खास बात यह है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की कुटुंबा विधानसभा सीट पर भी राजद ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है. कुटुंबा से पूर्व मंत्री सुरेश पासवान ने लालटेन के निशान पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जबकि राजेश राम भी यहां से नामांकन करने जा रहे हैं. ऐसे में कुटुंबा सीट पर महागठबंधन में दोस्ताना संघर्ष देखने को मिलने वाला है.

सुरेश पासवान मैदान में दोस्ताना मुकाबला

औरंगाबाद जिले की कुटुंबा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने पहले ही मौजूदा विधायक और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार उर्फ राजेश राम को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. अब राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश पासवान ने भी यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पासवान ने कहा कि वह राजद के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की कई सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो रहा है, जिसमें कुटुंबा भी शामिल है. यहां अंतिम फैसला जनता करेगी.

ललन राम को उम्मीदवार घोषित किया

राजद नेता सुरेश पासवान ने शुक्रवार को कहा कि वे 20 अक्टूबर को राजद कार्यकर्ताओं के साथ अपना नामांकन दाखिल करेंगे. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी इसी दिन कुटुंबा से अपना नॉमिनेशन करने वाले हैं. दूसरी ओर, एनडीए की ओर से जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) ने पूर्व विधायक ललन राम को अपना उम्मीदवार बनाया है.

कुटुंबा सीट पर मुकाबला दिलचस्प

बता दें कि ललन वर्तमान में सरकार में अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य हैं, उन्होंने जदयू की सदस्यता छोड़कर हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा की सदस्यता ली और अब इस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में कुटुंबा विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने की संभावना है. चुनावी समीकरण को देखते हुए यह सीट इस बार खास बन गई है, और अंतिम फैसला जनता के मतदान पर निर्भर करेगा.

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