Punjab flood compensation 2025 : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सरकार 45 दिनों के भीतर राज्य के सभी बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करेगी. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा अपनी सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में की. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार पहले ही किसानों को फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा कर चुकी है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में मुआवजा मिलने में कई साल लग जाते थे और पीड़ित लोगों को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ता था. उन्होंने जोर देकर कहा कि अब फसल नुकसान का मुआवजा तुरंत और ईमानदारी से दिया जाएगा. “एक किसान का बेटा होने के नाते मैं किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह समझता हूं. जब तक हर किसान को मुआवजा नहीं मिलता, मैं चैन से नहीं सोऊंगा,”
45 दिनों में किसानों को मिलेगा मुआवजा
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बनाई गई योजना के तहत मुख्यमंत्री ने आदेश दिया कि फसलों का आकलन कल से शुरू किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया 45 दिनों में पूरी की जाएगी. इसके तुरंत बाद किसानों को उनके मुआवजे के चेक वितरण शुरू हो जाएंगे. जिन जिलों में बाढ़ का प्रभाव कम हुआ है, वहां के अधिकारी प्रभावित इलाकों में तैनात किए जाएंगे ताकि आकलन जल्दी पूरा हो सके.
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी फसल का नुकसान हुआ है, तो मुआवजा मिलेगा. रिपोर्ट तैयार होने के बाद किसानों को आपत्ति दर्ज करने के लिए एक सप्ताह का समय मिलेगा. जिन क्षेत्रों में फसल पूरी तरह नष्ट हुई है, वहां प्रक्रिया केवल एक महीने में पूरी की जाएगी. भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों में मुआवजा वितरण में पूरा साल लग जाता था, लेकिन अब यह काम सिर्फ एक महीने या डेढ़ महीने में पूरा हो जाएगा.
घर-पशु नुकसान का तुरंत मुआवजा
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि घरों और पशुओं को हुए नुकसान का मुआवजा भी तुरंत दिया जाएगा. जिन घरों का पूरा नुकसान हुआ है, उन्हें 1,20,000 रुपए मिलेंगे और जिन्हें कम नुकसान हुआ है, उन्हें 40,000 रुपए दिए जाएंगे. पशुओं के नुकसान के लिए भी सरकार मुआवजा देगी. उदाहरण के लिए, गाय या भैंस के नुकसान पर 37,500 रुपए और बकरी के नुकसान पर 4,000 रुपए दिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गांव-गांव जाकर नुकसान का जायजा लेने और रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए. यदि किसी को रिपोर्ट पर आपत्ति है, तो उसे सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय मिलेगा. पूरी प्रक्रिया 45 दिनों के भीतर पूरी होगी और उसके बाद मुआवजे के चेक वितरित किए जाएंगे.
राहत कार्य और आपदा प्रबंधन
भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे इस पूरी प्रक्रिया की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे और किसी भी अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि बाढ़ में कुछ परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है. भले ही हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, लेकिन मुआवजे में कोई देरी नहीं होगी. अब तक 55 मौतों की पुष्टि हुई है और 42 परिवारों को मदद राशि के चेक जारी किए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदियों के टूटे तटबंधों की मरम्मत के लिए रोजाना निगरानी करने और स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से पानी के नमूने लेने के निर्देश भी दिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंजाब को प्राकृतिक आपदा वाला राज्य घोषित कराने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी ताकि अतिरिक्त फंड उपलब्ध हो सके.
हर गांव में राहत कार्य और स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित
इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा और अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मिशनरी भावना के साथ काम करने और हर गांव में मेडिकल कैंप लगाने, फॉगिंग करने और लोगों की सेवा में निजी डॉक्टरों को शामिल करने के निर्देश दिए. इस योजना के साथ पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों और बाढ़ पीड़ितों को तुरंत राहत मिले और राज्य में विश्वास और पारदर्शिता बनी रहे.
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