
Punjab Industrial Development : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज देशभर के प्रमुख उद्योगपतियों की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय सीईओ सम्मेलन के दौरान 24 सेक्टर-वार इंडस्ट्रियल एडवाइजरी कमेटियों की शुरुआत की. यह पहल पंजाब को उद्योग और वाणिज्य का केंद्र बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है. अरविंद केजरीवाल ने इसे पंजाब के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि यह पहली बार है जब उद्योगों की नीतियां अब सरकार के साथ मिलकर खुद उद्योगपति तय करेंगे, सरकार केवल उन्हें लागू करेगी.
अंधकार से उजाले की ओर पंजाब
सम्मेलन को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केवल तीन साल पहले पंजाब अंधकार के एक दौर से गुजर रहा था. युवाओं में नशे की लत भयावह रूप ले चुकी थी और औद्योगिक विकास ठप पड़ चुका था. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान नशे के खिलाफ बोलना आम नागरिकों के लिए भी खतरनाक था, लेकिन अब सरकार के प्रयासों और जनभागीदारी से 3500 से अधिक एफआईआर केवल जन शिकायतों के आधार पर दर्ज की गई हैं, जिससे छोटे-मोटे अपराधों में भारी गिरावट आई है. उन्होंने बताया कि 2008-09 में राजनीतिक संरक्षण में नशा फैलाया गया था, लेकिन अब बड़े स्तर पर कार्रवाई करके अपराधियों को जेल भेजा गया है. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे उपेक्षित क्षेत्रों को भी प्राथमिकता में रखा है.

बुनियादी सुविधाओं का आधुनिकीकरण
अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि आने वाले छह महीनों में पंजाब के 166 शहरों और कस्बों का व्यापक विकास किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सात प्रमुख शहरों की सड़कों को अंतरराष्ट्रीय वास्तुकारों की मदद से यूरोपीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में नई सड़कों का निर्माण, तालाबों की सफाई और स्टेडियमों का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन को प्राथमिकता देते हुए पंजीकरण, भूमि पोर्टल और वित्तीय प्रक्रियाओं को आसान बनाने की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब राज्य की दिशा बदल रही है और पंजाब अब अवसरों की भूमि बन रहा है.
भागीदारी से बनेगा पंजाब का औद्योगिक भविष्य
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अपने भाषण में औद्योगिक विकास की दिशा में उद्योगपतियों के योगदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों की बाधित और शोषणकारी नीतियों के कारण उद्योग पंजाब से पलायन कर गए थे. लेकिन आज हालात बदल चुके हैं, अब सरकार उद्योग के साथ मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और आधारभूत ढांचे जैसे क्षेत्रों को सुदृढ़ करना हमारी प्राथमिकता है और इसके लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वर्तमान सरकार ईमानदारी से उद्योगों की तरक्की और समृद्धि के लिए काम कर रही है.

रोजगार के नए अवसर बने
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मार्च 2022 से अब तक राज्य को 1.14 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनके माध्यम से 4.5 लाख से अधिक रोजगार के नए अवसर बनें हैं. उन्होंने विशेष रूप से टाटा स्टील और सनातन टेक्सटाइल जैसी कंपनियों का उल्लेख करते हुए कहा कि अब देश की दिग्गज कंपनियां भी पंजाब में निवेश करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने राज्य की अग्रणी भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि पंजाब खाद्य प्रसंस्करण, वस्त्र, ऑटो पार्ट्स, हैंड टूल्स, साइकिल निर्माण, आईटी और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर आगे है.
सहयोग से बनेगा रंगला पंजाब

समारोह में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि रंगला पंजाब बनाने के लिए सरकार, उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग अत्यंत आवश्यक है. उन्होंने इस तालमेल को राज्य और इसके नागरिकों के लिए अत्यंत लाभकारी बताते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार में सुगमता आप की विकास रणनीति के तीन मजबूत स्तंभ हैं. इस सम्मेलन में कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने सभी गणमान्य उद्योगपतियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया, वहीं उद्योग सचिव के.के. यादव, राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सरकार हर स्तर पर उद्योगों के साथ साझेदारी को लेकर गंभीर है.
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