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अब दिमाग में लगाई जाएगी कंप्यूटर चिप, एलन मस्क की कंपनी न्‍यूरालिंक जल्द करेगी ह्यूमन ट्रायल शुरू

दुनिया के सबसे अमीर अस्तियों में से एक एलन मस्क अब दुनिया को जल्द ही एक नए आविष्कार से रूबरू कराएंगे। एलन मस्क इंसानी दिमाग में कंप्यूटर चिप डालने की कोशिश में लगे हैं। अब मस्क की कंपनी न्यूरालिंक पहले व्यक्ति की खोज में है क्योंकि उसे इंसानी दिमाग में चिप लगाने की अनुमति मिल चुकी है। शुरुआत में चिप को गर्दन की चोट या एलएस (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) से पीड़ित व्यक्ति के सर में डाला जाएगा। मस्क कंपनी ने पेशंट्स की खोज शुरू कर दी है और ये ट्रायल जल्द ही शुरू भी किया जाएगा। इस अध्ययन को पूरा करने में कंपनी को छह वर्ष लगेंगे। यदि ट्रायल सफल होता है, तो न्यूरालिंक के कारण लकवाग्रस्त लोग आने वाले समय में अच्छी जिंदगी जी पाएंगे। एलन मस्क ने न्यूरालिंक चिप को 10 लोगों पर ट्राई करना चाहता था, लेकिन अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने सुरक्षा कारणों से इसे मंजूरी नहीं दी। वहीं अब कितने लोगों को मंजूरी दी गई है, इसकी कोई जानकारी नहीं है।

इंसानी दिमाग में सोचने से चलेगा माउस और कीबोर्ड 

एलन मस्क की कंपनी ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) को इंसानी दिमाग में डालने के लिए ह्यूमन ट्रायल का उपयोग करेगी। इसकी मदद से विचारों को काम में बदल दिया जाएगा। शुरुआत में बाहरी उपकरणों, जैसे कीबोर्ड और माउस, को कंपनी के गोल चिप से नियंत्रित करना होगा। यानि ये उपकरण स्वयं काम करेंगे। बता दें कि 2020 में न्यूरालिंक ने एक कार्यशील बीसीआई (बीसीआई) का प्रदर्शन किया था, जिसमें बंदर के दिमाग से कंप्यूटर कर्सर को नियंत्रित किया गया था। ध्यान दें कि BCI ह्यूमन ट्रायल सफल होने पर भी कंपनी को इस चिप को बाजार में लाने में दस साल से अधिक का समय लगेगा। यानि दस साल के बाद ही रोगियों को इसका लाभ मिलेगा।

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